किसी भी मौसम में सब्जियों के सूप का सेवन काफी लाभदायक माना जाता है। जहां यह काफी स्वाद देता है, वहीं कई शारीरिक समस्याओं से भी बचाता है। जिस मौसम में जिन सब्जियों की बहार होती है, उन सब्जियों के सूप का उचित मात्र में सेवन करना चाहिए। सब्जियों का सूप न केवल स्वाद में बल्कि पुनर्यौवन प्राप्ति में भी लाभदायक है।
सूप के लाभ:- सूप सब्जियों के उपयोग का बहुत बढिय़ा तरीका है क्योंकि अगर हम सब्जियों को पका कर खाते हैं तो इसमें से कई पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं लेकिन सूप बनाते वक्त इनके पोषक पदार्थ व विटामिन सुरक्षित रहते हैं। ये अस्थमा, मधुमेह तथा अन्य कई प्रकार की बीमारियों में लाभदायक होते हैं। ये सिर्फ सब्जियों के कारण ही लाभदायक नहीं होते बल्कि इसलिए भी क्योंकि इन्हें तैयार करते वक्त हम अदरक, लहसुन, कालीमिर्च इत्यादि का प्रयोग करते हैं।
ये पदार्थ कफ और बलगम को कम करने में सहायक होते हैं। लहसुन कोलेस्ट्रोल को कम करने का अच्छा स्रोत है। साथ ही इन सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं। सूप में विद्यमान एंटीऑक्सीडेंट रक्त में शर्करा के स्तर को सुधारते हैं। ये वजन को कम करने में भी सहायक होते हैं क्योंकि इनमें बहुत कम कैलोरी होती है। सूप चाय या कॉफी से कहीं ज्यादा बेहतर होते हैं। बच्चे पकी सब्जियों से अधिक सूप को पसंद करते हैं।
सूप बनाते वक्त ध्यान दें:- जब आप घर पर सब्जियों का सूप तैयार करें तो इसमें दूध या क्रीम न मिलाएं क्योंकि ये सूप में सिर्फ कैलोरी ही नहीं बढ़ाते बल्कि ये सूप में विद्यमान विटामिनों को भी शरीर को ग्रहण करने से रोकते हैं। इनमें कॉर्नफ्लोर और मैदा मिलाने से बचें क्योंकि ये सूप से होने वाले फायदों में बाधा पहुंचाते हैं। बाजार में मिलने वाले पैकेट बंद सूप का प्रयोग न करें। सिर्फ ताजा व घर में बने सूप में ही एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं।
इसमें रोग निवारक पदार्थ जैसे धनिया, अदरक, लहसुन इत्यादि मिलाएं। सूप को संपूर्ण भोजन बनाने हेतु इसमें चिकन या टोफू मिलाएं या उबली हुई मूंग दाल या चना दाल मिलाएं।
कुछ महत्त्वपूर्ण सूप:- प्याज का सूप क्लाटिंग डिसऑर्डर के लिए फायदेमंद है। बंद गोभी का सूप वजन को कम करने में सहायक होता है। मिली जुली सब्जियों व चिकन का सूप एक संपूर्ण आहार होता है। पालक का सूप खून की कमी को दूर करता है। मसूर का सूप बच्चों के विकास हेतु लाभकारी है।