क्या आप जानती हैं फीमेल कंडोम्स से जुड़ी ये अनोखी बातें

कंडोम्स से जुड़ी ये अनोखी बातें

Update: 2023-10-04 13:00 GMT
फीमेल कंडोम के बारे में क्या जानती हैं आप? हो सकता है कि इसके बारे में आपने सुना हो, लेकिन इसके उपयोग और इसके महत्व के बारे में आप जानती ना हों। एक तरह से देखें, तो सेक्शुअल एजुकेशन और उससे जुड़ी जानकारियों को लेकर अभी भी भारत में बहुत ज्यादा टैबू है और इसके कारण कॉन्ट्रासेप्शन का यह तरीका ठीक तरह से यूज नहीं हो पाता है। फीमेल कंडोम्स ना सिर्फ कॉन्ट्रासेप्शन को सही तरीके से कर सकते हैं, बल्कि इनके इस्तेमाल से कई तरह की बीमारियों से भी बचा जा सकता है। आज हम आपको इसके बारे में ही बताने जा रहे हैं।
Nirvasa Healthcare के चिकित्सा मामलों के उपाध्यक्ष डॉ. मनमोहन सिंह लंबे समय से मेडिकल फील्ड से जुड़े हुए हैं। हमने उनसे भी फीमेल कंडोम्स के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की। उन्होंने हमें विस्तार से इसके बारे में बताया।
डॉक्टर मनमोहन सिंह के मुताबिक, "फीमेल कंडोम कॉन्ट्रासेप्शन का एक असरदार तरीका है जिससे STI (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज) से काफी हद तक बचा जा सकता है। इसे सही तरह से इस्तेमाल किया जाए, तो ये सही तरह का प्रोटेक्शन दे सकते हैं। हालांकि, वो कितने असरदार होंगे यह इस बात पर निर्भर करता है कि उनका यूज कैसा है? यह जरूरी है कि फीमेल कंडोम यूज करने के पहले महिलाएं गायनेकोलॉजिस्ट से उसकी ट्रेनिंग ले लें। सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें इस्तेमाल कैसे किया जाता है।"
कितने सुरक्षित होते हैं फीमेल कंडोम?
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश BMC Public Health की एक रिसर्च से महिला कंडोम के असरदार होने के बारे में जानकारी मिलती है।
इस रिसर्च में 15 स्टडीज और 6921 महिलाओं के डेटा के आधार पर नतीजे निकाले गए हैं। इस नतीजे के मुताबिक फीमेल कंडोम 95% तक असरदार होते हैं और पुरुष कंडोम 98% तक, लेकिन अगर दोनों साथ में इस्तेमाल किए जाएं, तो गोनोरिया, क्लैमिडिया, HIV जैसी गंभीर बीमारियों की गुंजाइश ना के बराबर हो जाती है। इस तरह से प्रेग्नेंसी रोकने में भी यह बहुत असरदार हैं।
STI कम करने के साथ-साथ कई अन्य तरह की बीमारियां जैसे UTI आदि को रोकने में भी फीमेल कंडोम मददगार साबित हो सकता है। सेक्शुअल एनकाउंटर्स से होने वाली समस्याओं के लिए महिलाओं को बेहतर प्रोटेक्शन मिल सकता है।
कैसे इस्तेमाल किया जाता है फीमेल कंडोम?
इसे इस्तेमाल करने का तरीका मेल कंडोम की तुलना से थोड़ा अलग है। हालांकि, पुरुष और महिला दोनों को ही कंडोम को लेकर यह ध्यान रखना होगा कि इस्तेमाल करते समय यह फटे नहीं। अगर मेल या फीमेल दोनों में से कोई भी कंडोम फट गया, तो इसका इस्तेमाल करने से फायदा नहीं होगा।
सबसे सुरक्षित प्रैक्टिस यह है कि कंडोम को मेल स्किन के कॉन्टैक्ट से पहले ही वेजाइना में इंसर्ट कर लिया जाए।
कई बार गायनेकोलॉजिस्ट इस काम के लिए लुब्रिकेशन के इस्तेमाल की सलाह भी देते हैं। इससे कंडोम को इंसर्ट करना ज्यादा आसान हो जाता है।
इसके लिए स्काव्ट करना, लेटना या फिर चेयर पर एक पैर रख इसे इंसर्ट करने की पोजीशन सबसे आसान रहती है। हालांकि, अगर इनमें से किसी में आपको दिक्कत हो रही है, तो एक बार गायनेकोलॉजिस्ट से इसे इस्तेमाल करने का तरीका पूछें।
इसे बिल्कुल वैसे ही वेजाइना में इंसर्ट किया जाता है जैसे पीरियड्स के दौरान टैम्पोन का इस्तेमाल होता है। फीमेल कंडोम के एक सिरे पर रिंग नुमा आकृति बनी होती है और उसे मोड़कर ही इंसर्ट किया जाता है।
इंसर्ट होने के बाद कंडोम से प्रेशर रिलीज करना होता है जिससे वह अपनी जगह ले ले।
कंडोम का दूसरा सिरा वेजाइनल ओपनिंग से बाहर ही रहता है।
क्या फीमेल कंडोम को बिना असिस्टेंस इस्तेमाल किया जा सकता है?
हां, बिना किसी की मदद से इसे इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन शुरुआती समय में इसे लेकर परेशानी हो सकती है। इसलिए बेहतर होगा कि इसे इस्तेमाल करने से पहले किसी मेडिकल एक्सपर्ट से इसके उपयोग के बारे में पूरी जानकारी ले ली जाए। वैसे तो कई ऐसी कंपनियां हैं जो महिला कंडोम बनाती हैं, लेकिन आपको हमेशा वही ब्रांड चुनना है जो आपके लिए ज्यादा कंफर्टेबल हो। अगर आपको लेटेक्स एलर्जी है, तो हर ब्रांड आपको सूट नहीं करेगा। ऐसे में आप पहले मटेरियल को चेक करें और फिर कंडोम खरीदें।
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