लाइफस्टाइल: चमचम और रसगुल्ला ये दोनों ही पश्चिम बंगाल की लोकप्रिय मिठाई में से एक हैं। यह मिठाई दुनिया भर में फेमस है, लोग बाजार से खरीदने के अलावा घर पर भी इन दोनों मिठाई को बनाते हैं। आज भी बहुत से लोग ऐसे हैं, जो इन दोनों मिठाई को एक ही समझते हैं। चूंकि स्वाद, रंग और बनावट में समानता होने के कारण लोग भ्रमित हो जाते हैं और दोनों को एक ही समझते हैं। ऐसे में आज हम आपको इन दोनों मिठाइयों के बीच कुछ साधारण अंतर बताएंगे, जिससे आप कभी भी इन दोनों मिठाइयों को एक नहीं समझेंगे।
चमचम और रसगुल्ला के बनावट और आकार में है अंतर
चमचम को चॉमचॉम भी कहा जाता है। इसे फटे दूध छेना या पनीर से बनाया जाता है। चमचम को भी चाशनी में पकाया जाता है लेकिन इसकी चाशनी गाढ़ी होती है। चमचम की चाशनी में एक तार बनती है और गाढ़ी चाशनी होने के कारण यह स्पंजी नहीं बन पाती है। आमतौर पर इसका आकार अंडाकार होता है। वहीं रसगुल्ला की चाशनी बहुत पतली होती है। रसगुल्ला का आकार गोल होता है, साथ ही इसे चाशनी में तब तक पकाया जाता है जब तक ये स्पंजी और हल्का होकर चाशनी में उफल न जाए।
चमचम और रसगुल्ला के स्वाद में क्या अंतर है
चमचम को केसर, पिस्ता और नारियल से गार्निश किया जाता है। चूंकि इसे बनाने के लिए गाढ़ी चाशनी का उपयोग किया जाता है। इसलिए यह खाने में थोड़ा सख्त और कम स्पंजी लगता है।
वहीं रसगुल्ला खाने में बेहद ही स्पंजी और सॉफ्ट लगता है। इसे खाने पर चीनी की पतली सिरप पूरे मुंह में घुल जाती है और रसगुल्ले का यह मीठा स्वाद मन को तृप्त करता है।
बता दें कि यह दोनों ही मिठाई पश्चिम बंगाल की बेहद लोकप्रिय मिठाई में से एक है। इसे न सिर्फ बंगाल या भारत में पसंद किया जाता है, बल्कि विदेशों में भी इनकी लोकप्रियता बनी हुई है। आप यदि इनके बीच अंतर नहीं समझ पार रहे हैं तो इनके आकार पर ध्यान दें। दोनों के आकार और टेक्सचर एक दूसरे से अलग होते हैं, जो कि दोनों के स्वाद पर भी असर डालते हैं।