मई-जून की तपती गर्मी के बाद जब बारिश की बूंदे बरसती हैं तो लोग राहत की सांस ले सकते हैं। यानी गर्मी के बाद जब बारिश होती है तो गर्मी से राहत मिलती है. हालांकि समस्या यहीं खत्म नहीं होती। मानसून और बारिश अपने साथ कई परेशानियां लेकर आती है। जैसे इंफेक्शन, डैंड्रफ... इसके अलावा कुछ लोगों का मानना है कि इस मौसम का पाचन तंत्र पर भी बड़ा असर पड़ता है। बारिश के दिनों में पेट से जुड़ी समस्या हो जाती है। दस्त, ऐंठन, अपच, पेट दर्द जैसे लक्षण महसूस होते हैं। लेकिन क्या वाकई ऐसा बारिश की वजह से होता है? क्या बारिश पाचन तंत्र को खराब करती है? इसके बारे में हम विस्तार से अगले लेख में जानेंगे…
क्या बरसात के मौसम में पाचन तंत्र खराब हो जाता है?
1. कई विशेषज्ञ ऐसे हैं जो मानते हैं कि बारिश में पाचन तंत्र गड़बड़ा जाता है. क्योंकि इस मौसम में हम गलत डाइट ले लेते हैं। बारिश के मौसम में वायरस और बैक्टीरिया का खतरा बहुत ज्यादा होता है, इन दोनों नोरा वायरस के प्रकोप की तरह रोटा वायरस भी बढ़ जाता है। ये वायरस उन लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से ही कमजोर होती है।
2. बारिश में सूक्ष्मजीव बहुत सक्रिय होते हैं। ऐसे में ये जीव बाजार के खाने पर काफी निर्भर रहते हैं। क्योंकि अक्सर बाजार में मिलने वाले पकौड़े और समोसे खुले में बिकते हैं. इस वजह से इन पर ये सूक्ष्मजीव मौजूद होते हैं और जब हम इन्हें खाते हैं तो ये हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर हमला कर देते हैं। इससे हमारी पाचन क्रिया बिगड़ जाती है।
3. बारिश का सुहावना मौसम सभी को पसंद होता है। लोग इसका भरपूर आनंद लेना चाहते हैं। खासकर हम भारतीयों के लिए समोसे और पकौड़ी के बिना बारिश नहीं गुजरती है. बारिश में हम ज्यादा तला हुआ खाना खाते हैं, जिससे खाना देर से पचता है। कई बार पेट फूलने और अपच की समस्या भी हो जाती है।
4. घर हो या बाहर बारिश के मौसम में आपको साफ-सफाई का बहुत ध्यान रखना होता है क्योंकि इस मौसम में फंगल और बैक्टीरियल बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. सूक्ष्म जीव सक्रिय हो जाते हैं। बारिश में मक्खियां भी बहुतायत में नजर आती हैं। मक्खियाँ गंदी नालियों और कूड़े-कचरे पर बैठती हैं और खुले भोजन पर कीटाणु पैरों में लगाकर बैठती हैं। जिससे हम बीमार पड़ते हैं। डायरिया जैसी समस्या हो जाती है।
बचाव कैसे करें
बरसात के मौसम में बाहर का खाना बिल्कुल भी ना खाएं।
जब भी आप खाना खाएं तो अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं।
घर में भी खाना खुला न रखें।
बरसात के दिनों में साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें।
तला भुना खाने से परहेज करें