एसिडिटी हो या गैस की समस्या जल्द राहत पाने के लिए रोजाना करें ये 4 योगासन

खराब लाइफस्टाइल और असंतुलित खान-पान पेट संबंधित परेशानियों जैसे एसिडिटी और गैस की समस्या का कारण बन जाता है। आज ज्यादातर लोग इस समस्या से परेशान हैं।

Update: 2022-03-10 05:49 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। खराब लाइफस्टाइल और असंतुलित खान-पान पेट संबंधित परेशानियों जैसे एसिडिटी और गैस की समस्या का कारण बन जाता है। आज ज्यादातर लोग इस समस्या से परेशान हैं। जिससे राहत पाने के लिए उन्हें कई बार दवाओं का सहारा भी लेना पड़ जाता है। पर क्या आप जानते हैं योग में इन दोनों ही समस्याओं का हल छिपा हुआ है। जी हां, एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक मेडिकल रिसर्च में साफ तौर से बताया गया है कि ध्यान और योग करने से पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं जैसे एसिडिटी और गैस को कम किया जा सकता है। तो आइए जान लेते हैं आखिर कौन से योग करने से व्यक्ति को मिल सकती है एसिडिटी और गैस से राहत।

एसिडिटी और गैस के लिए योग (Yoga For Acidity and Gas)-
हलासन-
एसिडिटी और गैस से राहत पाने के लिए हलासन मदद कर सकता है। इस आसन को करते हुए शरीर हल की तरह दिखाई देता है, यही वजह है कि इस आसन को हलासन के नाम से जाना जाता है। हलासन कब्ज, अपच व अन्य पाचन संबंधित परेशानियों को दूर करने में काफी मददगार है।
हलासन करते समय बरतें ये सावधानियां-
-पीरियड्स के दौरान महिलाओं को ये आसान नहीं करना चाहिए।
-गर्दन में किसी तरह की कोई चोट लगने पर भी हलासन करने से बचें।
-गर्भवती महिलाएं इस आसन से परहेज करें।
-सर्वाइकल या रीढ़ से जुड़ी समस्या होने पर भी हलासन का अभ्यास न करें।
वज्रासन-
वज्रासन को अंग्रेजी में डायमंड पोज कहा जाता है। गैस और एसिडिटी की समस्या को दूर करने में वज्रासन लाभकारी हो सकता है। शोध में बताया गया है कि यह शरीर में ब्लड के फ्लो को बढ़ाकर कब्ज, एसिडिटी, पाइल्स, आंतों की गैस आदि में आराम दिलाने में मदद करता है।
वज्रासन करते समय बरतें ये सावधानियां-
-घुटनों और पैरों में दर्द होने पर यह आसन नहीं करना चाहिए।
-हाइपोटेंशन यानी निम्न रक्तचाप वाले लोग वज्रासन नहीं करें।
-अगर आपके घुटनों की सर्जरी हुई है, तो भी इस आसन को करने से परहेज करें।
-गर्भवती महिलाओं को यह आसन नहीं करना चाहिए।
-रीढ़ की हड्डी में समस्या होने पर इस आसन को न करें।
उष्ट्रासन-
उष्ट्रासन को अंग्रेजी में केमल पोज के नाम से जाना जाता है। उष्ट्रासन को एसिडिटी और गैस की समस्या के लिए कारगर इलाज माना जा सकता है। इस आसन को करने से पेट संबंधी कई समस्याओं में राहत मिल सकती है।
उष्ट्रासन करते समय बरतें ये सावधानियां-
-हर्निया और उच्च रक्तचाप के मरीजों को इस आसन को करने से बचना चाहिए।
-किसी भी तरह का दर्द हो, तो भी इस आसन को नहीं करें।
पवनमुक्तासन-
पवनमुक्तासन करने से भी एसिडिटी और गैस की समस्या से राहत मिल सकती है। इस आसन को नियमित तौर पर करने से मल त्याग की प्रक्रिया में सुधार के साथ कब्ज की समस्या भी दूर होती है।
पवनमुक्तासन करते समय बरतें ये सावधानियां-
-पीठ और कमर में दर्द या चोट हो, तो इस योग को करने से बचें।
-इस योगासन को भोजन के बाद बिल्कुल न करें।


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