वजन कम करने के लिए रोज करें ये 3 काम, जल्दी दिखेगा असर
वजन कम करने के लिए रोज करें
वजन कम करने के लिए लोग कई तरह के तरीके ढूंढते हैं। इनमें से कुछ तरीके कारगर होते हैं तो वहीं कुछ सिर्फ गुमराह करने वाले होते हैं। वेट लॉस के लिए हेल्दी डाइट और रूटीन बहुत जरूरी है। इसके बिना अगर आप वेट लॉस के बारे में सोच भी रहे हैं, तो यह पॉसिबल नहीं है। ज्यादातर लोग वेट लॉस जर्नी में कुछ न कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जिसकी वजह से उनका वजन कम नहीं होता है। वहीं कुछ लोग वेट लॉस के लिए सही तरीकों को आजमाते हैं, और वजन कम करने में सफल होते हैं। वजन कम करने में हमारा मेटाबॉलिज्म भी अहम भूमिका निभाता है। मेटाबॉलिज्म स्लो होने पर वजन कम नहीं हो सकता है। इसलिए वेट लॉस के लिए डाइट में मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने वाले फूड्स को शामिल करना चाहिए। वहीं, अपने खाने-पीने के समय, लाइफस्टाइल और नींद के पैटर्न पर भी ध्यान देना चाहिए। यहां हम आपको एक्सपर्ट के बताए 3 आसान तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी वेट लॉस जर्नी को आसान बना सकते हैं।
क्यों कम नहीं होता वजन?
अगर लाख कोशिशों के बाद भी आपका वजन कम नहीं हो रहा है, तो इसकी वजह आपका इंसुलिन हार्मोन हो सकता है। वजन बढ़ने और खासकर, बेली के आस-पास जमे अधिक फैट के पीछे का कारण इंसुलिन हार्मोन की अधिकता हो सकता है। जब शरीर में इंसुलिन अधिक होता है, तो हमारी बॉडी फैट डिपॉजिशन मोड में होती है, यानी आपकी बॉडी वेट लूज नहीं करेगी। इसलिए वेट लॉस के लिए इंसुलिन सेंसिटिविटी बहुत जरूरी है। एक्सपर्ट के बताए इन उपायों से आप इंसुलिन सेंसिटिवटी को बढ़ा सकती हैं।
एप्पल साइडर विनेगर
वेट लॉस के लिए इंसुलिन सेंसिटिविटी जरूरी है और एप्पल साइडर विनेगर, इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारने में मदद करता है। यह ब्लड शुगर लेवल को भी मैनेज करता है। एक्सपर्ट की मानें तो 1 टीस्पून एप्पल साइडर विनेगर को 1 गिलास पानी में लंच और डिनर से 30 मिनट पहले लेना चाहिए।
ओमेगा-3 मील्स और सप्लीमेंट्स
वेट लॉस के लिए ओमेगा-3 रिच फूड्स अच्छे माने जाते हैं। यह इंफ्लेमेशन को कम कर, इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारते हैं। अलसी के बीज, सोयाबीन चिया सीड्स और सोयाबानी में ओमेगा 3 भरपूर मात्रा में होता है। इसके अलावा ओमेगा-3 सप्लीमेंट्स को भी डिनर के बाद लिया जा सकता है।
खाने के बाद वॉक करना
मॉर्निंग वॉक सेहत के लिए जरूरी है। लेकिन साथ ही खाने के बाद भी वॉक करना चाहिए। वॉक करने से(उल्टा चलने के फायदे) बॉडी की ग्लूकोज को अच्छे से इस्तेमाल करने की क्षमता बढ़ती है और इससे इंसुलिन सेंसिटिविटी सुधरती है।
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