हद से ज्यादा ना करें प्रोटीन पाउडर का सेवन

Update: 2023-05-19 19:06 GMT
हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए कई पोषक तत्वों की जरूरत होती हैं जिसमें से एक हैं प्रोटीन जो हमारी मांसपेशियों के लिए बेहद जरूरी होता है और खासकर उन लोगों के लिए जो जिम करते हैं। यह एक माइक्रोन्यूट्रिएंट है, जो शरीर में नई मांसपेशियां बनाने और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को ठीक करने में मदद करता है। जिम में वर्कआउट करने वाले लोग प्रोटीन पाउडर का बहुत इस्तेमाल करते हैं। प्रोटीन पाउडर दूध, छाछ, कैसिइन और सोया से बना एक सूखा पाउडर होता है। प्रोटीन सप्लीमेंट्स से हमारे शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा करने में मदद मिलती है लेकिन इसका सेवन एक निश्चित मात्रा में ही करना चाहिए। क्या आप जानते हैं कि इस प्रोटीन पाउडर के अधिक सेवन के कई नुकसान भी होते हैं। तो आइये जानते हैं प्रोटीन पाउडर से होने वाले नुकसानों के बारे में...
पेट में गड़बड़ी
लैक्टोज दूध उत्पादों और दूध में पाए जाने वाली चीनी है जो व्हे आधारित प्रोटीन पाउडर में भी मौजूद होती है। यदि आपको लैक्टोज से एलर्जी है और लैक्टोज युक्त प्रोटीन पाउडर का उपभोग किया है तो इससे आपको पाचन से संबंधित समस्याओं का अनुभव होने की संभावना रहती है। आप सूजन या ब्लोटिंग महसूस कर सकते हैं या दस्त का सामना कर सकते हैं। पेट में दर्द और मतली भी आपको प्रभावित कर सकती है। यदि आपको लैक्टोज से एलर्जी है तो आपको इन दुष्प्रभावों से बचने के लिए लैक्टोज-मुक्त प्रोटीन पाउडर का सेवन करने की कोशिश करनी चाहिए।
बढ़ सकता है इंसुलिन लेवल
ज्यादातर जिम जाने वाले लोग या बॉडी बिल्डर्स वर्कआउट करने के बाद प्रोटीन पाउडर का सेवन करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस प्रोटीन पाउडर को आप फायदेमंद समझकर खा रहे हैं, वह लंबे समय में आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है? जी हाँ, प्रोटीन पाउडर के सेवन से शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ सकता है। प्रोटीन पाउडर का ज्यादा सेवन करने से इंसुलिन लेवल बढ़ता रहता है, जिससे स्वास्थ्य खराब हो सकता है।
किडनी को नुकसान
यदि कोई व्यक्ति अधिक मात्रा में प्रोटीन लेता है तो वह बड़ी मात्रा में यूरिया का उत्पादन करता हैं। यह गुर्दे पर उच्च दबाव डालता है क्योंकि ये रक्त से यूरिया और कैल्शियम की प्रचुर मात्रा को छान लेता हैं। जब लम्बे समय तक बड़ी मात्रा में प्रोटीन पाउडर का सेवन किया जाता है तो किडनी विकारों की समस्या का खतरा बढ़ जाता है। गुर्दे की पथरी और गुर्दे की विफलता की क्षति अधिक मात्रा में प्रोटीन की खुराक लेने के कारण होता है।
आंतों में परेशानी
यदि आपको लैक्टोज से एलर्जी हैं तो आपको मटर आधारित प्रोटीन पाउडर लेना चाहिए। लेकिन बहुत ही दुर्लभ मामलों में मटर आधारित प्रोटीन के प्रति भी संवेदनशील होना संभव रहता है। पी प्रोटीन के अर्क में ओलिगोसेकेराइड कार्बोहाइड्रेट के अणुओं को पाया जाता है जिससे पेट में गैस और आंतों में परेशानी पैदा होती है।
पाचन संबंधी समस्याएं होना
प्रोटीन पाउडर का ज्यादा सेवन करने से पेट संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। ज्यादा प्रोटीन शेक पीने से गट में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया नष्ट हो सकते हैं। इतना ही नहीं, यह गट में खराब और नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया को जन्म दे सकता है। इससे आपको पेट दर्द, कब्ज जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, यह डेयरी इनटॉलेरेंस को भी बढ़ावा दे सकता है, जिससे आपको दूध या अन्य डेयरी पदार्थों को पचाने में मुश्किल हो सकती है।
लिवर को नुकसान
प्रोटीन सप्लीमेंट का आहार बिना कार्ब्स के शरीर को कीटोसिस की स्थिति में ले जा सकता है, इससे उच्च रक्त अम्लता का स्तर बढ़ जाता है। यह लगातार उच्च रक्त अम्लता लिवर के कार्य को बिगाड़ने के लिए जाना जाता है और इसका परिणाम गंभीर लिवर की खराबी हो सकता है। इसके अलावा लीवर में सूजन हो सकती है और लीवर की गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ सकता है।
ब्लड में एसिड बढ़ना
अगर आप ब्हे प्रोटीन का सही यूज़ नहीं करते तो आपको यह साइड इफ़ेक्ट झेलना पड़ सकता है। यह वो कंडीशन है जब खून में कीटोन बढ जाता है। अगर बॉडी फैट कम है तो वह प्रोटीन को एनर्जी में नही बदल पाएगा और इसी तरह से खून में किटोन का लेवल बढने लगेगा। यानी की खून में एसिड का लेवल बढना।
कैंसर का जोखिम
सोया प्रोटीन पाउडर में फाइटोस्टास्ट्रनों का उच्च सेवन स्तन कैंसर के बढ़ते जोखिम से जोड़ा जा सकता है। पशु अध्ययनों से पता चला है कि सोया आइसोवाल्वोन ब्रेस्ट कैंसर के ट्यूमर का विकास कर सकते हैं। लेकिन इस संबंध में अभी तक कोई निर्णायक अध्ययन नहीं हुए है इसलिए आप सावधानी के तौर पर सोया प्रोटीन की खपत में कटौती कर सकते हैं या वैकल्पिक स्रोत से बने प्रोटीन पाउडर का उपयोग कर सकते हैं।
मुंहासों की समस्या
प्रोटीन पाउडर का ज्यादा सेवन न केवल स्वास्थ्य, बल्कि त्वचा को भी नुकसान पहुंचा सकता है। प्रोटीन पाउडर के ज्यादा सेवन से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो सीबम के उत्पादन को बढ़ा सकता है। अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि प्रोटीन सप्लीमेंट लेने से इंसुलिन लेवल बढ़ता है, जिससे मुंहासों की समस्या बढ़ सकती है। इससे बचने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पिएं।
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