देर तक सोने के नुकसान : 9 घंटे से अधिक सोने से दिमाग की क्षमता घटती

दिमाग की क्षमता घटती

Update: 2023-08-20 10:59 GMT
स्वस्थ रहने के लिए पूरी नींद लेना बहुत जरूरी है। सामान्य रूप से हम सभी को 8 से 10 घंटे सोना चाहिए। स्वस्थ व्यक्ति इससे कम सोने के बावजूद भी स्फूर्ति से भरे रहते हैं। कहते हैं कि अच्छी नींद नसीबवालों को ही आती है। अच्छी नींद लेना अच्छी सेहत के लिए अति आवश्यक है, फिर चाहे वो पुरूष हो या महिला। लेकिन आजकल की भागदौड भरी जिंदगी में अच्छी नींद के मायने भी बदल गये हैं। क्योंकि आजकल अधिकतर लोग सुबह देर से उठते हैं और रात को देरी से सोते हैं। सोने का समय सही होना चाहिए। कम सोना या ज्यादा सोना दोनों ही स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं। आइये जानते हैं किस तरह देर तक सोना कितना नुकसानदायक हो सकता हैं।
 दिल की बीमारी का खतरा :
जब भी हम देर तक सोते हैं, तो उसका सीधा खतरा हमारे दिल को होता है। इससे हमें हार्ट डिजीज होने का खतरा सामान्य के मुकाबले ज्यादा हो सकता है।
डिप्रेशन होना :
देर तक सोने वाले व्यक्ति टेंशन और डिप्रेशन का शिकार आसानी से हो जाते हैं। 9 घंटे से अधिक सोने से दिमाग की क्षमता घटती है। दिमाग सुस्त हो जाता है, जिससे शरीर की स्फूर्ति खो जाती है। मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहे तो आप अनावश्यक न सोएं और आलस छोड़ें।
पीठ में दर्द :
जब हम देर तक सोते हैं, तो हमें अक्सर पीठ में दर्द होने लगता है क्योंकि देर तक सोने से हमारी पीठ अक्कड़ जाती है, जिससे हमें दर्द का सामना करना पड़ता है और हमारे शरीर में ब्लड फ्लो सही ठंग से नहीं होता। इसलिए हमें जल्दी बिस्तर छोड़ देना चाहिए।
 प्रजनन क्षमता घटना :
ज्यादा सोने वाली महिलाओं की प्रजनन क्षमता घट जाती है। अनियमित सोने से हार्मोन स्राव और मासिक धर्म चक्र बिगड़ जाता है। इसलिए महिलाओं को समय पर सोना चाहिए और 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए।
 याददाश्त कमजोर होना :
जब भी हम अधिक देर तक सोते हैं तो इसका असर हमारे दिमाग पर बहुत गहरा पड़ता है। इससे हमारी याददाश्त कमजोर होने लगती है।
वजन बढ़ना :
देर तक सोने के नुकसान में वजन बढ़ना भी शामिल है। सोते समय चयापचय क्रिया यानि मेटाबॉलिज्म धीमा रहता है। शरीर बहुत कम ऊर्जा खर्च करता है। फलस्वरूप कम कैलोरी बर्न होती है। जिससे शरीर में चर्बी बढ़ने लगती है।
सिरदर्द का होना :
अच्छी नींद किसे प्यारी नहीं होती, लेकिन जब हम देर तक सोते हैं, तो इसका असर हमारे ब्रेन ट्रांसमीटर पर भी पड़ता है इससे एकाग्रता की कमी और सिरदर्द की समस्या पैदा हो जाती है।
 मधुमेह का डर :
ज्यादा सोना टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को दुगुना कर देता है। इसलिए शरीर को एक्टिव और फिट रखें। जिससे 8 घंटे में नींद पूरी कर सकें और बीमारियों से बचें।
 कब्ज की समस्या :
जब हम देर तक सोते हैं, तो हमें कब्ज, गैस आदि पेट संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
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