हेल्थ केयर Health Care: डायबिटीज के मरीज खानपान की आदतों में अक्सर इन तीन गलतियों को दोहराते हैं। जिसकी वजह से शुगर स्पाइक होता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या बनी रहती है।टाइप टू डाइबिटीज एक लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है। जिसे अगर थोड़ी सावधानी के साथ मैनेज किया जाए तो पूरी लाइफ आसानी से बिताई जा सकती है। काफी सारे डायबिटीज के मरीज इन 3 गलतियों को अपने खानपान में दोहराते हैं। जो उनके शुगर लेवल कंट्रोल ना होने का सबसे बड़ा कारण रहते हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर ने सोशल मीडिया पर इन तीन मिस्टेक्स को लोगों के साथ शेयर किया है।
गुड़ या मिश्री खाना
काफी सारे मरीज डायबिटीज में मिठास के लिए चीनी की बजाय गुड़ या मिश्री का इस्तेमाल करने लगते हैं। जो कि पूरी तरह गलत है क्योंकि गुड़ या मिश्री खाने के बाद भी शरीर में ग्लूकोज बनता है और ब्लड शुगर को Spikeकरता है। भले ही गुड़ और मिश्री हेल्दी और नेचुरल होते हैं लेकिन डायबिटीज के मरीज को इनसे दूरी बनाकर ही रखना चाहिए।
खाने के साथ फल खाना
खाना खाने के बाद फल को डेजर्ट के जैसे खाते हैं। जिससे कि मिठास आपको सेटिस्फाई कर सके तो ये आदत छोड़ दें। क्योंकि फल को खाने के साथ या खाने के बाद खाने से ब्लॉटिंग, गैस और अपच हो सकता है। मील के बाद अगर फल खाया जाए तो बगैर डाइजेस्ट फूड छोटी आंत में पहुंच जाता है और फिर अपच जैसी परेशानी होने लगती है।
दही
आयुर्वेद में दही की प्रकृति बिल्कुल अलग है। दही पचने में गरिष्ठ, गर्म और स्टिकी होती है। जो शरीर में कफ दोष बढाती है। और ये कफ वजन को बढ़ाता है और मेटाबॉलिज्म कमजोर होता है। कफ की वजह से Nutritionअब्जॉर्ब होने में दिक्कत आती है। ऐसे में अच्छा होगा कि दही की बजाय छाछ को कभी-कभी पिया जाए।
डायबिटीज के मरीज खानपान के मामले में अक्सर इन तीन गलतियों को दोहराते हैं। जिनसे शुगर स्पाइक होने या इंसुलिन रेजिस्टेंस में दिक्कत पैदा होने लगती है।