साबुन से होने वाले नुकसान

वाले नुकसान

Update: 2023-07-29 11:22 GMT
बचपन से ही हम साबुन का प्रयोग करते आ रहे हैं, जिस साबुन से हम नहाते हैं उससे चेहरा भी धोते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं शरीर से दुर्गंध और कीटाणुओं का खात्मा करने वाला यह साबुन त्वचा के लिए कितना नुकसानदेह होता है। ये बात कई वैज्ञानिक प्रमाणों और शोधो से सिद्ध हो चुकी हैं के साबुन का इस्तेमाल सिर्फ त्वचा को नुकसान ही पहुंचाता हैं। साबुन का अंधाधुन्द प्रयोग सेहत के लिए बहुत हानिकारक हैं। आइये जानते हैं साबुन से होने वाले नुकसान के बारे में।
अमेरिका एंटी बैक्टीरियल साबुन पर जल्द रोक लगाने के विषय पर विचाराधीन है। हाल में आई रिपोर्ट्स में पाया गया है कि इन साबुनों में ऐसे रसायन हैं जो हार्मोन में बदलाव करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। एफडीए के अनुसार इस प्रकार के साबुनों में आमतौर पर ट्रिकलोसन और ट्रिकलोकार्बन जैसे रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है, जिनसे सेहत को काफी नुकसान हो सकता है।
बार-बार साबुन लगाते रहने से त्वचा की स्वाभाविक चिकनाई और अम्लता भी साबुन में मिले केमिकल के कारण कम होती रहती है, ध्यान रहे चिकनाई त्वचा को फटने से और अम्लता बहुत से रोगों के कीटाणुओं को शरीर में प्रवेश करने से रोकती है।
 शिशुओ की त्वचा बहुत कोमल होती हैं, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती हैं जिस कारण बेबी साबुन उनकी त्वचा में एलर्जी पैदा कर सकते हैं, आज कल पारदर्शी साबुन की ऐड आती हैं, इन साबुनों में रोसीन और ग्लिसरीन मिलायी जाती हैं। यह रोसीन शिशुओ की त्वचा पर एलर्जी पैदा करता हैं।
 त्वचा विटामिन डी को भीतर सोखे इससे पहले ये साबुन उसे त्वचा से ही हटा देते हैं। कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि हमारी त्वचा को विटामिन डी को भीतर समाने में लगभग 48 घंटे लगते हैं, लेकिन ये सबुन इससे पहले ही उसे हटा देते हैं।
 साबुन के प्रयोग से ये मॉइस्चराइजर नष्ट होता हैं और हमारी त्वचा रूखी हो जाती हैं, और बाद में हम बनावटी मॉइस्चराइजर के लिए विविध प्रकार की हानिकारक क्रीम लगाते हैं।
 फेरोमोन्स एक प्रकार का कैमिकल होता है जो अपोजिट सेक्स का ध्यान खींचने में सहायक होता है। यह कैमिकल हमारे पसीने में मौजूद होता हैं, जो नहाने के साबुन की वजह से धुल जाता है।
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