दवा से नहीं इन घरेलू उपायों से ठीक करें घुटनों का दर्द, नहीं होगा कोई साइड इफेक्ट

नहीं होगा कोई साइड इफेक्ट

Update: 2023-09-01 06:59 GMT
पुरुष हो या महिला सभी को उम्र के 50-55 साल गुजरने के बाद कई प्रकार की शारीरिक बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं बीमारियों में शामिल है घुटनों में दर्द होना। कहने को यह आसान है लेकिन यह घातक बीमारी है। इसके चलते व्यक्ति एक प्रकार से अपाहिज से हो जाता है। उसे चलने-फिरने में तकलीफ होती है जिसके चलते वह अपने सामान्य काम करने में भी असमर्थ रहता है। आम तौर पर घुटने में दर्द होने पर हम लारेग तुरन्त जोड़ों के दर्द की दवा ले लेते हैं। घुटनों में दर्द होने पर तुरंत दवा ना खाएं बल्कि पहले घरेलू उपायों से इसे ठीक करें। अगर घरेलू उपायों से दर्द ठीक ना हो तो फिर जाकर डॉक्टर से परामर्श लें और उनके निर्देशन में इलाज करवाएं। आज हम अपने पाठकों को कुछ ऐसे ही घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे जिनके जरिये आप घुटनों के दर्द में आराम पा सकते हैं।
हल्दी-चूने का लेप
हल्दी और चूना दर्द को दूर करने में अधिक लाभदायक साबित होते हैं। हल्दी और चुना को मिलाकर सरसों के तेल में थोड़ी देर तक गर्म करे फिर उस लेप को घुटने में लगाकर रखने से घुटनों का दर्द कम होता है।
हल्दी दूध का सेवन
एक ग्लास दूध में एक चम्मच हल्दी के पाउडर को मिलाकर सुबह-शाम कम से कम दो बार पीने से घुटनों के दर्द में लाभ मिलता है। यह जोड़ों का दर्द दूर करने का सबसे कारगर घरेलू इलाज है।
प्राकृतिक उपचार
विटामिन-डी का सबसे अच्छा स्रोत सूरज से उत्पन्न धूप है, जिससे आपको नेचुरल विटामिन-डी मिलती है जो हड्डी के लिए अधिक लाभदायक होता है। इसलिए गठिया के मरीजों को नियमित रूप से सुबह कुछ देर धूप में टहलना चाहिए। इसके लिए सूर्योदय के कुछ समय बाद की धूप प्रभावकारी होती है। टहलने में यदि असमर्थता महसूस होती हो तो घर की छत पर चटाई बिछाकर कम से कम 30 मिनट तक लेटे रहिये।
अदरक
गर्म प्रकृति होने के कारण यह सर्दी जनित दर्द में फायदेमंद है। सांस संबंधी तकलीफ, घुटनों में दर्द, ऐंठन और सूजन होने पर अदरक का सेवन करना लाभकारी होता है। आप अदरक के रस को काली चाय में मिलाकर, गुनगने पानी के साथ या फिर सब्जी में डालकर सेवन कर सकते हैं। वैसे अदरक की चाय सबसे प्रभावी होती है।
एलोवेरा
जोड़ों के दर्द, चोट लगने, सूजन, घाव एवं त्वचा संबंधी समस्याओं से होने वाले दर्द में ऐलोवेरा का गूदा, हल्दी के साथ हल्का गर्म करके बांधने पर लाभ होता है। घुटनों में दर्द होने पर भी आप इस घरेलू उपाय को आजमा सकते हैं। ऐलोवरा प्राकृतिक औषधि का खजाना है। यह कई बीमारियों को दूर करने में सक्षम होता है।
सरसों तेल की मालिश घुटनों के दर्द से आराम दिलाये
सरसों का तेल शारीरिक दर्द, घुटनों के दर्द, सर्दी जनित दर्द में बेहद लाभकारी होता है। नियमित रूप से सरसों के तेल से घुटनों की मालिश करने पर घुटनों का दर्द जल्दी दूर हो जाता है।
दर्द दूर करता है लौंग
दांत व मसूड़ों के दर्द, घुटनों के दर्द और सूजन आदि में लौंग काफी लाभकारी है। दर्द वाली जगह पर लौंग का पाउडर या लौंग के तेल में भीगा रूई का फोहा रखना बेहद असरकारक होता है।
अश्वगन्धा एवं सोंठ पाउडर
इसके लिये 50 ग्राम नागौरी अश्वगंध पाउडर, 30 ग्राम सोंठ चूर्ण तथा 50 ग्राम की मात्रा में खाण्ड पाउडर लें। तीनों को अच्छी तरह से मिला लें। जोड़ों एवं घुटनों के दर्द में इस चूर्ण को 5-5 ग्राम मात्रा में सुबह शाम गर्म दूध के साथ लेने से जोड़ों के दर्द में और सूजन में बहुत अच्छा आराम मिलता है। गठिया के घरेलू इलाज के रूप में यह नुस्खा काफी प्रचलित है, कई लोग इसे घुटनों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
मेथी का उपयोग
मेथी दाना का जोड़ों पर असर दर्द की गोली की तरह ऐनलजेसिक एवं एंटी-इंफ्लामेट्री होता है। इसके लिये दाना मेथी का पाउडर आधा से एक चम्मच सुबह उठते ही गुनगुने पानी के साथ और शाम को खाने के बाद गर्म पानी से ले। इससे घुटनों के दर्द से आराम मिलता है।
मसाज या सिकाई से पाएं घुटनों के दर्द से आराम
आयुर्वेद में जड़ी-बुटियों से बने तेल से मालिश करने के बहुत से फायदे बताये गये हें इससे जोड़ों में चिकनाई आती है, जकड़ाहट दूर होती है, दर्द व सूजन में आराम मिलता है। इसके लिये 250 ग्राम सरसों के तेल को कढ़ाई में डालकर गर्म करने के लिये गैस पर रखें। इसमें 8-10 कली लहसुन की छील कर डाल दें। गर्म तेल में एक-एक चम्मच अजवायान, दानामेथी, सोंठ पाउडर भी डाल दें। जब सारा मसाला पक जाये तो पकने पर नीचे उतार लें। ठण्डा होने पर किसी काँच की शीशी में डाल कर रख लें। सर्दियों में सुबह-सुबह की गुनगुनी धूप में इस तेल से घुटनों की मालिश करें या जिस भी जोड़ों में दर्द हो वहां मालिश करें।
एक्सरसाइज
यह जान लें कि नियमित व्यायाम करना घुटनों या जोड़ों के दर्द का सबसे असरदार इलाज है। फिजियोथेरेपिस्ट की राय से एक्सरसाइज करें या योगा शिक्षक से सीख कर नियमित योगा करें।
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