वजन कम करने में सहायक है धनिया
ऐसा माना जाता है कि धनिया में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन थायरॉइड को प्राकृतिक रूप से ठीक करने
धनिया पत्ती और इसके बीज देशभर में मसाले के तौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं। खाने का स्वाद बढ़ाने वाले धनिया पत्ती के और भी कई फायदें हैं। वैज्ञानिकों की मानें तो धनिया के बीज का पानी न सिर्फ थायरॉयड को अपना काम सही तरीके से करने मदद करता है, बल्कि यह सेहत के लिए भी कई मामलों में फायदेमंद है। फाइबर और खनिजों से भरपूर धनिया के बीज वजन कम करने, जोड़ों के दर्द, पाचन क्रिया और मूड अच्छा करने आदि में भी काफी फायदा करते हैं।
धनिया विटामिन ए, सी, के और फोलेट से भरपूर होता है। साथ ही इसकी पत्तियों में इसके बीजों की तुलना में अधिक विटामिन सी होता है। इसके अलावा इसकी पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाते हैं। थायरॉइड की समस्याओं के लिए धनिया एक बढ़िया उपचार माना गया है। धनिया न सिर्फ विभिन्न व्यंजनों के स्वाद को बढ़ाने के लिए उपयोग में आता है, बल्कि थायरॉइड की समस्याओं के लिए भी यह एक लोकप्रिय घरेलू उपचार है।
ऐसा माना जाता है कि धनिया में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन थायरॉइड को प्राकृतिक रूप से ठीक करने और थायरॉइड हार्मोन के उत्पादन को नियंत्रित करने का काम करते हैं। तो चलिए जानते हैं धनिया या धनिया के पत्तों या बीजों के रस का सेवन करने से क्या-क्या लाभ होता है-
वजन कम करने में सहायक
ऐंठन, दस्त, उल्टी और मतली जैसी पाचन समस्याओं में उपयोगी
सूजन और आंतों की गैसों को कम करना
विटामिन का बेहतरीन सोर्स और प्रतिरक्षा को बढ़ावा देना
शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालना
ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करना
बालों के झड़ने को कम करना, बालों को मोटा और घना बनाना
त्वचा की समस्याओं जैसे मुहांसे या पिगमेंटेशन को ठीक करना
क्या है थायरॉइड ग्लैंड
थायरॉइड तितली के आकार का एक ग्लैंड होता है, जो श्वास नली के ऊपर स्थित है। थायरॉइड ग्लैंड थ्योरिकसिन नाम का एक हार्मोन बनाती है, जिससे हमारे शरीर में मेटाबॉलिज्म बढ़ते हैं। साथ ही ये बॉडी में सेल्स को भी कंट्रोल करता है। थायरॉइड 2 प्रकार के होते हैं। पहला Hyperthyroid (हाइपोथायरॉइड), जिसमें टी3 और टी4 तेजी से बढ़ने लगते हैं। वहीं, दूसरा Hypothyroid (हाइपोथायरॉइड), जिसमें टी3 और टी4 तेजी से घटने लगता है। थायरॉयड ग्रैंल्ड न सिर्फ आपके विकास और मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है, बल्कि आपके हृदय, मस्तिष्क, गुर्दे, वैस्कुलर सिस्टम, रक्तचाप और पाचन तंत्र को भी प्रभावित करता है।