फ़ेस सीरम्स का लिक्विड जैसा टेक्स्चर उन्हें लगाने में आसान और त्वचा द्वारा अवशोषित करने में सहज बनाता है. इसका नियमित इस्तेमाल त्वचा में कुछ ही दिनों में बदलाव दिखाता है. आप इसका इस्तेमाल मॉइस्चराइज़र के पहले कर सकती हैं. आमतौर पर सीरम्स एसेंशियल ऑयल्स से बनते हैं, जो त्वचा को गहराई से हाइड्रेट करते हैं. नियमित रूप से सीरम्स का इस्तेमाल कर आप बेदाग़ और निखरी हुई त्वचा पा सकती हैं.
फ़ायदेः
* सीरम्स त्वचा को हाइड्रेट कर चिकना बनाते हैं.
* ये क्रीम की तरह चिपचिपे नहीं होते और हमारे रोमछिद्रों को पूरी तरह से ढंकने की बजाय उन्हें सांस लेने का मौक़ा देते हैं.
* फ़ाउंडेशन लगाने के लिए यह चिकना बेस तैयार करते हैं.
* सीरम्स त्वचा में आसानी से प्रवेश कर त्वचा पर क्रीम्स से बेहतर नतीजे देते हैं.
लेकिन बाज़ार में मौजूद सीरम्स के ढेरों विकल्प इनके चुनाव को मुश्क़िल बनाते हैं. इसलिए हम यहां आपको आपकी स्किन टाइप के अनुसार सही सीरम चुनने का तरीक़ा बता रहे हैं. सीरम चुनते समय कुछ बातों का ख़ास ख़्याल रखें. पहले तो त्वचा की समस्या को जानें और फिर अपने स्किन टाइप के मुताबिक़ सीरम्स का चुनाव करें.
ऑयली स्किन
यदि आपकी त्वचा ऑयली, संवेदनशील है, तो सैलिसिलिक एसिड और रेटिनॉल वाला फ़ेस सीरम चुनें. रोज़हिप सीड ऑयल युक्त सीरम भी आपकी त्वचा पर जादुई असर डालेंगे.
ड्राई स्किन
उम्रदराज़ या ड्राई स्किन के लिए हाइल्यूरॉनिक एसिड और विटामिन-सी युक्त सीरम बिल्कुल उपयुक्त रहेगा. विटामिन-सी की अधिक मात्रा वाले सीरम प्रदूषण से लड़ने में त्वचा की मदद करते हैं. विटामिन सी अशुद्धियों को मात देकर त्वचा की रौनक को बरक़रार रखने में मदद करता है.
नॉर्मल स्किन
नॉर्मल स्किन टाइप के लिए ग्लाइकॉलिक एसिड वाला सीरम बेहतर नतीजे देता है. यह त्वचा को तरोताज़ा और जवां बनाए रखती है. ग्लाइकॉलिक सीरम त्वचा को एक्सफ़ॉलिएट कर, त्वचा की दमक को बढ़ाता है.
यह तो बात थी डे सीरम की, नाइट सीरम में अल्फ़ा-हाइड्रॉक्सी एसिड्स और रेटिनॉइड्स होते हैं, जो त्वचा को सूरज की किरणों के प्रति संवेदनशील बनाते हैं. इसलिए इनका इस्तेमाल केवल रात में ही करना चाहिए. रेटिनॉल सीरम ऐंटी एजिंग फ़ायदे पहुंचाता है. इसके अलावा एएचए और बीएचए एसिड्स युक्त सीरम त्वचा को एक्सफ़ॉलिएट कर मृत कोशिकाओं से छुटकारा दिलाते हैं और आपकी त्वचा की कोमलता लौटाते हैं.
नुक़सान
वैसे तो सीरम से त्वचा को कोई ख़ास नुक़सान नहीं होता, लेकिन ग़लत तरह की स्किन टाइप पर ग़लत सीरम लगाने से त्वचा को कोई ख़ास फ़ायदा भी नहीं होता है. इसलिए सीरम चुनते वक़्त अपनी स्किन टाइप की सही जानकारी होना बहुत ज़रूरी है. इसके अलावा सीरम को इस्तेमाल करने के तरीक़े और मात्रा पर भी ख़ास ध्यान देने की ज़रूरत होती है. ड्राइ स्किन वालों को ज़्यादा मात्रा में सीरम का इस्तेमाल करना चाहिए, वहीं ऑयली स्किन को कम से कम सीरम की ज़रूरत होती है.