मीठी चीजों में खासतौर पर इस्तेमाल होने वाली चिरौंजी में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। चिरौंजी में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा इसमें विटामिन सी और बी भी पर्याप्त मात्रा में होता है। वहीं इससे निर्मित तेल में अमीनो एसिड और स्टीएरिक एसिड भी पाया जाता है। चिरोंजी विभिन्न रोगों में भी उपयोगी हैं। तो आइये आज जानते हैं चिरोंजी किस तरह हमारे स्वास्थ्य पर असर डालती हैं।
चिरौंजी में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। कुछ मात्रा में इसके सेवन से शरीर की प्रोटीन की आवश्यकता पूरी हो जाती है। आप चाहें तो इसे कच्चे रूप में भी खा सकते हैं या फिर किसी भी स्वीट डिश के साथ पकाकर ले सकते हैं
संतरे के छिलके और चिरौंजी को दूध के साथ पीसकर मुहांसों पर लेप लगाएं। जब लेप सूख जाए तब चेहरे को धो लें। एक हफ्ते तक प्रयोग के बाद भी असर ना दिखाई दें, तो लाभ होने तक इसका प्रयोग जारी रखें
चिरौंजी के पेड़ की छाल को दूध में पीसकर शहद मिलाकर पीने से रक्तातिसार (खूनी दस्त) बंद हो जाता है।
किसी को शारीरिक कमजोरी हो तो उसके लिए चिरौंजी खाना बहुत फायदेमंद होता है। यह शारीरिक कमजोरी को दूर करने के साथ ही क्षमता का विकास भी करता है।
चिरौंजी का तेल बालों को काला करने के लिए उपयोगी है। ये आपके बालों के लिए बहुत ही फायदेमंद है। यदि आप भी अपने बालों को काला करना चाहते हैं तो रोज़ इसका सेवन करें।
खांसी में चिरौंजी का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पीने से लाभ मिलता है। चिरौंजी पौष्टिक भी होती है। इसे पौष्टिकता की दृष्टि से बादाम के स्थान पर उपयोग करते हैं।
चिरौंजी एक बहुत ही कारगर सौंदर्य उत्पाद है। इसके इस्तेमाल से चेहरे पर चमक आती है और कील-मुंहासे साफ हो जाते हैं। अगर आपके चेहरे पर दाग हैं तो इसे पीसकर प्रभावित जगह पर लगाने से चेहरा बेदाग हो जाता है।
चिरौंजी तेल की कुछ बूँदो के साथ भाप लेने से साँस की परेशानी दूर हो जाती है। इससे ठंड से भी तत्काल राहत मिलती है।
चिरौंजी, मुनक्का और धान की खीलों का सत्तू, ठण्डे पानी में मिलाकर गर्भवती स्त्री को पिलाने से गर्भ का दर्द, गर्भस्राव आदि रोगों का निवारण हो जाता है।