चाणक्य नीति: आपके रिश्ते भी दांव पर लगा सकता है ये एक चीज

चाणक्य नीति

Update: 2021-06-19 16:43 GMT

आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार घमंड पर आधारित है।

'जैसे नींबू की कुछ बूंदें दूध और पानी को अलग कर देती हैं। वैसे ही पैसे का थोड़ा सा घमंड, पिता-पुत्र, भाई-बहन और भाई-भाई के रिश्ते को अलग कर देता है।' आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि मनुष्य के अंदर थोड़ा सा भी घमंड आ जाए तो वो सब कुछ खत्म कर देता है। इस घमंड की आग में ना केवल मान सम्मान जलकर राख हो जाता है बल्कि रिश्ते भी बिखर जाते हैं। ज्यादातर लोगों में घमंड पैसों के बल पर आता है। जितनी अधिक उनके पास संपत्ति होती है उनका घमंड उतना ही ज्यादा बढ़ता जाता है।
असल जिंदगी में आपका आमना सामना ऐसे कई लोगों से होता है जो घमंड में चूर होते हैं। उनके अंदर घमंड इतना ज्यादा भर जाता है कि आप चाह के भी उसे अपने अंदर से बाहर नहीं निकाल सकते। अगर ये घमंड सीमा से ज्यादा बढ़ जाता है तो इसकी चपेट में आपके रिश्ते भी आ जाते हैं। फिर चाहे ये रिश्ते आपके कितने भी दिल के करीब क्यों ना हो। इन रिश्तों में पिता-पुत्र, भाई-बहन और भाई-भाई सभी के रिश्ते शामिल हैं।
अगर आप इन रिश्तों के बीच में भी अपने घमंड को लाने से नहीं बचें तो ये रिश्ते प्यार की डोर की जगह कड़वाहट से भर जाते हैं। अगर एक बार भी ऐसा हो गया तो लाख कोशिश करने के बाद भी आपके हाथ आखिर में खाली रह जाएंगे। इन रिश्तों में और आपके बीच में घमंड एक ऐसी जगह बना लेगा जिसे आप चाह के भी पार नहीं कर सकते। ठीक वैसे ही जैसे नींबू की बूंद डालने पर दूध और पानी एकदम अलग हो जाता है। फिर आप लाख कोशिश करने के बाद भी फटे हुए दूध को पहले की तरह सामान्य नहीं कर सकते।
Tags:    

Similar News

-->