भारत की जमीन ने कई ऐसे महानुभावों को जन्म दिया है जिनका नाम ना केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी सदियों से प्रचलित है। भारतीय हर क्षेत्र में अपना परचम बुलंद कर चुके हैं। विशिष्ट रूप से अर्थशास्त्र और नीतिशास्त्र की बात करें तो आचार्य चाणक्य को इसका जनक कहा जाता है। आज के युग में भी आचार्य चाणक्य की नीतियां व विचार सत प्रतिशत उम्दा और सटीक साबित होती हैं। इतना ही नहीं आचार्य चाणक्य ने मनुष्य को परखने के भी तरीके बताए हैं।
जिस प्रकार सोने को आग में तपाकर और घिसकर उसकी असलियत को बाहर लाया जा सकता है, ठीक उसी प्रकार आचार्य चाणक्य की इन नीतियों से व्यक्ति को परखा जा सकता है। साथ ही इन्हीं नीतियों के बल पर आप सामने वाले व्यक्ति के गुस्से के बारे में भी जान सकते हैं। आइए जानते हैं।
व्यक्ति का गुस्सा उसकी आंखों में साफ झलकता है
आचार्य चाणक्य एक श्लोक के माध्यम से उल्लेख करते हैं कि, किसी व्यक्ति के दिल का हाल पता लगाने में आंखें अहम भूमिका निभाती हैं। आंखें व्यक्ति के दिल का हाल बयां करती हैं। चाणक्य के अनुसार आप किसी व्यक्ति का राज उसकी आंखों से पता लगा सकते हैं। व्यक्ति आपसे अधिक क्रोधित है तो उसकी आंखें अलग ही इशारा करेंगी। इससे आप समझ जाएं की सामने वाला व्यक्ति आपसे कितना गुस्सा है।
बात व्यवहार
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति का बात व्यवहार उसके स्वभाव को बताता है। यदि सामने वाला व्यक्ति आपसे गुस्सा है, तो आप उसके स्वभाव से इसका पता लगा सकते हैं। ऐसे में व्यक्ति का स्वभान आपके प्रति काफी चिड़चिड़ापन व कठोर होगा।
चेहरा
आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति का चेहरा उसके कई राज खोलता है। यदि घर का कोई सदस्य या फिर ऑफिस में आपका सीनियर आपके काम को लेकर नाराज है। तो उसका चेहरा आपके प्रति गुस्से को साफ जाहिर करता है। ऐसे में व्यक्ति का चेहरा गुस्से से लाल पीला होगा।
व्यक्ति को ऐसे परखें
वहीं आचार्य चाणक्य ने व्यक्ति को परखने के लिए भी कई नीतियों का उल्लेख किया है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति को परखने के लिए सबसे पहले उसके त्याग की भावना देखनी चाहिए। यदि कोई व्यक्ति आपके सुख के लिए अपने सुख का त्याग कर देता है, तो वह आपके लिए सर्वश्रेष्ठ है। ऐसे व्यक्ति को कभी भी खुद से दूर ना जाने दें और आप भी उसके लिए ऐसी ही भावना रखें।