क्या डेंगू बुखार के दौरान ब्रेस्टफीडिंग करवा सकती हैं महिलाएं? जानें

सकती हैं महिलाएं? जानें

Update: 2023-08-01 06:43 GMT
ब्रेस्टफीडिंग का सीधा असर मां और बच्चे की सेहत पर होता है। ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं को अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए क्योंकि अगर मां के शरीर में कोई वायरस आता है, तो उसके शिशु में फैलने की काफी संभावना रहती है। बात अगर डेंगू की करें, तो डेंगू मच्छर से होने वाला एक वायरल संक्रमण है। डेंगू बुखार के कुछ लक्षणों में उल्टी, बुखार, गंभीर सिरदर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में परेशानी, त्वचा पर लाल चकत्ते और गंभीर मामलों में रक्तस्राव शामिल हैं। क्या डेंगू के दौरान, मां को स्तनपान करवाना चाहिए और इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डॉ नवीन प्रकाश गुप्ता, वरिष्ठ सलाहकार नियोनेटोलॉजी, मधुकर रेनबो चिल्ड्रेन हॉस्पिटल, दे रहे हैं।
क्या डेंगू बुखार के दौरान ब्रेस्टफीडिंग करवा सकती हैं महिलाएं?
एक्सपर्ट की मानें तो ज्यादातर मामलों में डेंगू बुखार से पीड़ित माताएं, उचित सावधानियां बरतते हुए ब्रेस्टफीड करवाना जाी रख सकती हैं।
ब्रेस्टफीडिंग के फायदे, संक्रमण के खतरे को बैलेंस करते हैं।
हालांकि, अगर मां की तबियत अधिक खराब होती है, और अस्पताल में एडमिट करने की जरूरत पड़ती है, तो बच्चे को फार्मूला फीडिंग दी जा सकती है।
डेंगू बुखार से पीड़ित महिलाओं को ब्रेस्टफीडिंग करवाते वक्त ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने वाले चीजों को खाना चाहिए।
वहीं, सही मात्रा में पानी पीना और सही डाइट लेना बहुत जरूरी है।
अगर आप ब्रेस्टफीड करवा रही हैं और आपको डेंगू के लक्षण नजर आने लगते हैं, तो तुरंत डॉक्टरी सलाह लें।
इसके साथ ही बच्चे को मच्छरों के काटने के बचाने के लिए जरूरी उपाय अपनाएं।
मां और बच्चे मच्छरों के काटने से ऐसे करें बचाव
रात के समय मच्छरों के काटने से बचने के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें ।
खुले शरीर को ढकने के लिए फुल स्लीव्स और फुल लेंथ के कपड़े पहनें।
डीईईटी-मुक्त कीट निरोधकों का उपयोग करना जो स्तनपान कराने वाली माताओं और शिशुओं के लिए सुरक्षित हैं।
खिड़कियों और दरवाजों को ढ़ककर रखें और बच्चे के सोने वाली जगह के आसपास मच्छरदानी का उपयोग करें।
शोध से पता चलता है कि डेंगू वायरस सीधे स्तन के दूध के जरिए मां से बच्चे में नहीं जा सकता है। हालांकि, वायरस संक्रमित मां के रक्तप्रवाह में मौजूद हो सकता है और मच्छर इसे उनके शिशुओं को दूध पिलाने के दौरान फैला सकते हैं ।
इसे रोकने के लिए माताओं को मच्छरों के काटने से खुद को बचाने के उपाय करने की जरूरत है।
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