क्या यूरिक एसिड के पेशेंट कर सकते हैं ड्राई फ्रूट्स का सेवन?

शरीर में किसी भी चीज की अधिकता सेहत के लिए हानिकारक होती है।

Update: 2021-09-03 11:24 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |   शरीर में किसी भी चीज की अधिकता सेहत के लिए हानिकारक होती है। आजकल ज्यादातर लोग डायबिटीज और बीपी के अलावा जिस बीमारी से ग्रसित हैं वो यूरिक एसिड है। अगर किसी व्यक्ति के शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तो वो अन्य बीमारियों की चपेट में आ सकता है। जैसे कि जोड़ों में दर्द और सूजन का आना। जब समस्या ज्यादा बढ़ जाती है तो उठने और बैठने में भी दिक्कत होने लगती है। ऐसे में समय रहते ही डॉक्टर से परामर्श लें, इसके साथ ही डाइट में कुछ चीजों को शामिल करें। ऐसे में सवाल उठता है कि यूरिक एसिड के पेशेंट डाइट में ड्राई फ्रूट्स को शामिल कर सकते हैं या फिर नहीं। अगर शामिल कर सकते हैं तो कौन से ड्राई फ्रूट्स उनकी सेहत के लिए अच्छे रहेंगे।

जानें क्या होता है यूरिक एसिड
यूरिक एसिड एक तरह का केमिकल है जो शरीर में प्यूरीन नाम के प्रोटीन के टूटने से बनता है। बहुत ही कम लोग इस बात को जानते होंगे कि शरीर के सेल्स और खाद्य पदार्थों के जरिए प्यूरिन प्रोटीन का निर्माण होता है।
क्या यूरिक एसिड के पेशेंट कर सकते हैं ड्राई फ्रूट्स का सेवन, जानें इसका जवाब
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो ड्राई फ्रूट्स का सेवन यूरिक एसिड के मरीज के लिए फायदेमंद हो सकता है। ये ड्राई फ्रूट्स हैं बादाम, अखरोट और काजू। ये शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को और बढ़ाते हैं। इसके साथ ही ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करके डायबिटीज को भी कंट्रोल में रखने में मदद करता है।
ये हैं ड्राई फ्रूट्स
बादाम
बादाम का सेवन यूरिक एसिड के पेशेंट के लिए लाभकारी है। इसमें कैल्शियम, फाइबर, मैग्नीशियम, कॉपर, विटामिन के, प्रोटीन और जिंक जैसे तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। ऐसे में इसका रोजाना सेवन करने से जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या में आराम मिल सकता है।
काजू
काजू में भी कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। जैसे कि पोटेशियम, विटामिन सी और फाइबर। ये सभी यूरिक एसिड के शरीर में स्तर को नियंत्रित करने में कारगर हैं।
अखरोट
अखरोट को भी सुपरफूड कहा जाता है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट और पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है। ये सभी शरीर से यूरिक एसिड को शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं। जिसकी वजह से शरीर में यूरिक एसिड का स्तर नियंत्रण में रहता है।


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