जाने बथुआ खाने के फायदे

कोरोना के नए वेरियंट के आने के बाद से हर कोई एक बार फिर अपनी इम्यूनिटी को बूस्ट करने की सोच रहा है। अपनी डाइट में बथुआ या चेनोपोडियम एल्बम को शामिल करने से स्वाद के अलावा। इसके भी कई फायदे मिल सकते हैं।

Update: 2022-01-18 04:16 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना के नए वेरियंट के आने के बाद से हर कोई एक बार फिर अपनी इम्यूनिटी को बूस्ट करने की सोच रहा है। अपनी डाइट में बथुआ या चेनोपोडियम एल्बम को शामिल करने से स्वाद के अलावा। इसके भी कई फायदे मिल सकते हैं। पोषण विशेषज्ञ की माने तो सर्दियों के दौरान बथुआ की थोड़ी मात्रा भी खाने से आपके विटामिन ए को बढ़ावा मिल सकता है और एंटीऑक्सीडेंट एक्टिविटी में सुधार हो सकता है जो बदले में आपकी इम्यूनिटी के लिए अद्भुत काम कर सकता है। आम तौर पर हरी सब्जियां घुलनशील और अघुलनशील फाइबर, विटामिन, खनिज, लोहा, फोलिक एसिड, कैल्शियम और पोटेशियम से भरी होती हैं और आपको मौसमी संक्रमण से बचाने के अलावा दिल संबंधी विकार, डायबिटीज और कब्ज जैसी पुरानी बीमारियों से भी बचाती हैं।

न्यूट्रिशियन स्पेशलिस्ट भुवन रस्तोगी के मुताबिक बथुआ सबसे अच्छी गुणवत्ता सर्दियों में मिलती हैं और इसकी पत्तियों को साग में मिलाएं, रायता और यहां तक ​​कि रोटियों में मिलाकर अलग तरह से खाया जाता है। इसके अलावा बथुआ के अलग फायदे भी हैं।
1) बथुआ खाने का एक और फायदा यह है कि इसमें अन्य सागों की तुलना में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है। बथुआ के 100 ग्राम ताजे पत्तों में लगभग 4.2 ग्राम प्रोटीन होता है। दूसरी सब्जियों की तुलना में ये ज्यादा है क्योंकि पालक में 2.8 ग्राम और केल में 2.6 ग्राम होता है।
2) पौधे विटामिन ए के सबसे समृद्ध स्रोतों में से एक, इसकी 100 ग्राम पत्तियां 10000 आईयू दे सकती हैं जो आरडीए से लगभग तीन गुना है। इसे खाने से आपकी विटामिन ए की मात्रा बढ़ती है।
3) बथुआ खाने से एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि में सुधार हो सकता है और इसमें कई औषधीय लाभ होते हैं जो इम्यूनिटी बनाने में मदद कर सकते हैं। पालक की तुलना में बथुआ में पोटैशियम और आयरन अच्छी मात्रा में होता है।
कैसे करें बथुए का इस्तेमाल
आप बथुए का पराठा और रायता बना कर अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं।


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