डायबिटीज होने से पहले आपके शरीर में आने लगते है ये बदलाव, ऐसे करें पहचान
आमतौर पर Diabetes के मरीजों में प्यास लगने, थकान, बार-बार पेशाब आने और वजन कम होने जैसे कुछ सामान्य लक्षण नजर आते हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डायबिटीज का पता आप आंखों में नजर आ रहे कुछ लक्षणों से भी लगा सकते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आमतौर पर Diabetes के मरीजों में प्यास लगने, थकान, बार-बार पेशाब आने और वजन कम होने जैसे कुछ सामान्य लक्षण नजर आते हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डायबिटीज (Diabetes) का पता आप आंखों में नजर आ रहे कुछ लक्षणों से भी लगा सकते हैं.
हाई ब्लड शुगर का आंखों पर असर
डायबिटीज के मरीजों को हाई ब्लड शुगर की समस्या हो जाती है. पैनक्रियाज से पैदा होने वाला इंसुलिन खून में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है, लेकिन अगर आपको डायबिटीज है तो आपके शरीर में इतना इंसुलिन नहीं होता, जो ग्लूकोज को कंट्रोल कर सके और शरीर में बनने वाला इंसुलिन ठीक तरह से काम नहीं कर पाता.
हाई ब्लड शुगर आपकी आंखों पर असर डालता है. ये हमारे रेटिना के ब्लड वेसेल्स में बदलाव ला सकता है या इससे आंखों के टिशूज में सूजन आ सकती है. ये टिशूज ही देखने में हमारी मदद करते हैं. इन पर असर पड़ने से धुंधला दिखने की समस्या हो सकती है.
हाई ब्लड शुगर से लेंस के आकार में भी बदलाव आता है और अगर इसका इलाज न हो तो इससे Cataracts, Glaucoma और Retinopathy की समस्या हो सकती है.
इन लक्षणों को इग्नोर न करें
रिपोर्ट के मुताबिक, अगर आपको डायबिटीज है तो आंखों में चार प्रमुख लक्षण नजर आएंगे. डायबिटीज की वजह से आपको डिस्टॉर्टेड विजन और विजन में डार्क स्पॉट्स की समस्या हो सकती है. डायबिटीज की समस्या में शरीर प्रभावी ढंग से इंसुलिन नहीं बना पाता या इसका इस्तेमाल नहीं कर पाता जिससे आंखों को भी नुकसान पहुंचता है. इंसुलिन अगर सही तरीके से काम करता है तो ब्लड शुगर आपके लिए मेन एनर्जी सोर्स की तरह काम करता है, लेकिन अगर आपको हाई ब्लड शुगर की समस्या है तो ग्लूकोज आपके सेल्स में न पहुंचकर ब्लड स्ट्रीम में ही रह जाता है. इसकी वजह से विजन लॉस और अंधेपन की समस्या हो सकती है.
डायबिटीज की समस्या में आपको सिरदर्द, आंखों में दर्द, आंखों में पानी आने और धुंधला नजर आने की समस्या हो सकती है.
डायबिटीज की बीमारी छोटी रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करती है और ज्यादा ब्लड शुगर शरीर के सबसे छोटे ब्लड वेसेल्स यानी रक्त वाहिकाओं को डैमेज कर ब्लड फ्लो का बाधित करता है.
आंखों से धुंधला दिखना पहला और सबसे प्रमुख वॉर्निंग साइन हो सकता है. हालांकि ज्यादातर डायबिटीज के मरीजों में eye disease जैसे कोई लक्षण बहुत एडवांस स्टेज तक नजर नहीं आते, लेकिन जरूरी है कि साल में एक बार आंखों का चेकअप जरूर करवाएं. इससे समय पर आपका इलाज शुरू हो पाएगा और आप विजन लॉस से बचेंगे.
ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए अपनाएं ये तरीका
डायबिटीज के मरीज कुछ खास तरीकों से हाई ब्लड शुगर को कम कर सकते हैं. इससे विजन लॉस की समस्या से बच सकते हैं.
भरपूर नींद लें. इससे आपकी सेहत को कई फायदे तो मिलेंगे ही ब्लड शुगर को मेंटेन करने में भी मदद मिलेगी. नींद की कमी से ग्रोथ हार्मोन कम होने लगते हैं और इससे कॉर्टिसोल लेवल भी बढ़ जाता है. ये दोनों चीजें ब्लड शुगर को मैनेज करने में अहम रोल निभाती हैं. ये सुनिश्चित करें कि आप 7 से 8 घंटे की भरपूर नींद ले रहे हों.
भरपूर मात्रा में पानी पिएं इससे ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी. हाइड्रेटेड रहने से किडनी को यूरिन के जरिए एक्स्ट्रा शुगर को फ्लश करने में मदद मिलती है और इससे डायबिटीज का खतरा भी कम होता है.
स्ट्रेस यानी तनाव का भी ब्लड शुगर लेवल पर बहुत ज्यादा असर पड़ता है. एक्सरसाइज और रिलैक्सेशन मेथड्स जैसे कि योग या mindfulness के जरिए स्ट्रेस को मैनेज करें. इससे ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट करने में मदद मिलेगी.
रेटिना को नुकसान
डायबिटीज की वजह से रेटिना, आंखों के पिछले हिस्से को नुकसान पहुंचता है. ये वो हिस्सा होता है जहां विजुअल इमेज बनती है.
डायबिटीज की वजह से ब्लीडिंग और रेटिना में ज्यादा तरल पदार्थ की समस्या हो जाती है, जिसका आपके विजन पर गंभीर प्रभाव पड़ता है.
अगर बीमारी का पता सही समय पर नहीं चलता तो इससे आंखों की रोशनी जाने यानी विजन लॉस की समस्या हो सकती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, वयस्कों में ये अंधेपन की बड़ी वजह बनता है.
शुरुआती लक्षण दिखने पर तुरंत जांच करवाएं
जितनी जल्दी आपको ये पता चलेगा कि आपकी आंखों की प्रॉब्लम डायबिटीज की वजह से है, उतनी जल्दी इसका इलाज शुरू हो सकेगा और आप विजन लॉस से बचेंगे. लक्षणों को इग्नोर न करें और शुरुआती बदलाव दिखने पर तुरंत जांच करवाएं. इससे आंखों को पूरी तरह डैमेज होने से बचाया जा सकता है.
अगर आपको एक या एक से ज्यादा वार्निंग साइन नजर आएं तो तुरंत अपने आई केयर प्रोफेशनल के पास जाएं.
हालांकि एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि कुछ स्थितियों में शुरुआती स्टेज में लक्षण नजर नहीं आते. डायबिटीज के ज्यादातर मरीजों को बीमारी बढ़ने के बाद इसका पता चलता है. कई बार डायबिटीज के मरीजों को धुंधला दिखने या मिसिंग साइट की दिक्कत महसूस भी होती है तो वो इसे गंभीरता से नहीं लेते.