अगर आप खाने में करतें है एल्युमीनियम फोइल का उपयोग तो हो जाए सावधान
उपयोग तो हो जाए सावधान
सूखे मेवे हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है, इनमें फाइबर, पोटेशियम, एंटी ऑक्सीडेंट और एंजाइमों के उच्च गुण होते हैं | ये पचाने में आसान होते है | इसी के साथ यह आपके रक्त को भी साफ करते हैं |संतृप्त वसा एवं कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है और हृदय रोग की आशंका कम हो सकती है अगर इनका प्रतिदिन सेवन किया जाए तो | सूखे मेवे बहुत शक्तिवर्द्धक होते हैं. ये मस्तिष्क एवं शरीर के लिये टॉनिक के समान हैं, जो उन्हें स्वस्थ एवं पुष्ट बनाते हैं | आइये जानते है और किस प्रकार से सूखे मेवे फायदेमंद है |
अंजीर : सूखी अंजीर भूख को नियंत्रित रखने में सहायक होती है | इसमें फाइबर और पोटैशियम की मात्रा ज़्यादा होती है | मोटे लोगों को सूखी अंजीर का सेवन करना चाहिए | यह उनका वज़न कम करने में भी सहायक होती है |
काजू : काजू को ड्राई फ्रूट्स का राजा भी कहा जाता है | इसमें प्रोटीन (protein) और फाइबर भी उच्च मात्रा में होता है |काजू शरीर को उर्जा देने के साथ कई बिमारियों से हमारी रक्षा करता है |
बादाम : सूखे मेवे के फायदे, बदाम विटामिन से भरपूर होते है, यह दूध पचाने के लिए काफी बेहतर होते हैं | इसका सेवन करने से दिमाग, हृदय, तंत्रिका भावना और हड्डियां भी मजबूत हो जाती है | कैल्शियम की अच्छी मात्रा होने की वजह से बादाम स्त्रियों के लिए भी बहुत फायदेमंद है |
किशमिश : इसमें उच्च पौष्टिक गुण होते हैं। इसमें शूगर की पर्याप्त मात्रा होती है, इसलिए इसे खाद्य पदार्थों में सबसे मूल्य माना गया है | किशमिश के सेवन से पेट की कब्ज दूर होती है | ये स्टेमिना बढ़ाने तथा अल्जाइमर जैसे रोग में भी फायदा करती है |
खजूर : खजूर आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है, इसी के साथ-साथ यह आपके आतों के कामकाज को आरामदायक बनाने में भी मददगार होता है |
अखरोट : अखरोट में उपस्थित पौष्टिक तत्व इन्सुलिन की मात्रा को संतुलित रखने में सहायक होते हैं | एग्जिमा और अस्थमा के रोगियों के लिए अखरोट बहुत फायदेमंद होता है |
पिस्ता : विटामिन और खनिजों की उपस्थिति के कारण पिस्ता ह्रदय रोगों के लिए बहुत लाभकारी है | डाइटिंग कर रहे व्यक्तियों के लिए यह फायदेमंद होता है, क्यूंकि इससे पेट ज्यादा देर तक भरा रहता है |आज कल के समय में हर इंसान रोटी के लिए ही मेहनत करता है और वो यही चाहता है की जो रोटी उसे मिले वो गर्म और ताजी रहे | यह समस्या आजकल की टेक्नोलॉजी ने कई तरीकों से पूरी कर दी | इनमे सबसे ज्यादा इस्तेमाल जिस चीज का किया जाता है वो है Aluminium Foil. बीते कुछ सालों में एल्युमिनियम फॉयल का प्रयोग काफी बढ़ा है | रोटी या पराठे को इसमें लपेटते समय हमें यही लगता है कि इसमें रखी चीजें सेफ और फ्रेश बनी रहेंगी लेकिन क्या सच्चाई भी यही है | आपको यह जानकर हैरानी होगी की यह सच नहीं है | आइये जानते है इससे होने वाले नुकसान को -
जिस तरह से प्लास्टिक की रंग बिरंगी थैलियों में कोई खाने के चीज डालने से उन चीजों पर थैलियों का रंग चढ़ जाता हैं, ठीक उसी प्रकार से Foil पेपर में रखें हुए खाने में भी Foil में पाये जाने वाला मेटल मिल जाता हैं | इसका प्रमुख कारण यह हैं कि इसकी वजह से हमारे स्वास्थ्य पर बुरे प्रभाव पड़ते हैं जो कि स्वास्थ्य के लिए भी बहुत हानिकारक होता हैं |
फॉयल पेपर में बहुत गर्म खाना रैप नहीं करना चाहिए |क्योंकि ऐसे में एल्युमिनियम पिघलकर खाने में मिल जाएगा. जिससे अल्जाइमर और डिमेंशिया होने का खतरा भी बढ़ सकता है | इसके साथ ही ये भी जरूरी है कि आप अच्छी क्वालिटी के फॉयल पेपर का इस्तेमाल करें |
अगर हम अधिक मात्रा में एल्युमीनियम को खा लेते है तो वो हमारे दिमाग की कोशिकाओं की वृद्धि को रोकता हैं जोकि हमारे शरीर के लिए अच्छा सूचक नहीं हैं | एल्यूमीनियम की हमारे शरीर में बढ़ती मात्रा हड्डियों की कमजोरी और अन्य रोगों का कारण बनता है | अल्जाइमर रोग का कारण भी एल्युमीनियम ही है, वहीं इसका अधिक सेवन किडनी में समस्या और ऑस्टियोपोरोसिस रोग का कारण बनता है |