बारिश के मौसम में होने वाली इन बीमारियों से हो जाइए सतर्क,अपनाइये घरेलु उपाय नहीं तो फ़ैल सकता है संक्रमण
लाइफस्टाइल: बरसात के मौसम में संक्रमण और बुखार का खतरा अधिक होता है और इन बीमारियों से लड़ने के लिए हमारे इम्यून सिस्टम का मजबूत होना जरूरी होता है. बरसात के मौसम में होने वाली इन 5 बीमारियों से हो जाइए सतर्क, अपनाइए ये घरेलू उपाय, नहीं तो फैल सकता है संक्रमण फ्लू और खांसी जैसी इंफेक्शियस बीमारियों से बचने के लिए बाहर निकलते समय मास्क पहनें. भारत में मानसून जून महीने से शुरू होकर सितंबर तक रहता है. यह वह समय होता है, जब बीमारी फैलाने वाली बैक्टीरिया और मच्छर अपने चरम पर होते हैं. मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और टाइफाइड जैसी घातक बीमारियां बरसात के मौसम में आम बीमारियां हैं और इनमें से लगभग सभी में बुखार, कमजोरी, शरीर में दर्द जैसे कुछ सामान्य लक्षण देखने को मिलते हैं. इस सीजन में स्वास्थ्य समस्याओं से खुद को बचाने के लिए आपको अच्छी तरह से तैयार रहना चाहिए. इस आर्टिकल में हम आपको बरसात में होने वाली बीमारियां और उनसे बचने के उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके लिए काफी कारगर साबित हो सकते हैं. बरसाती बीमारियों की लिस्टकैल्शियम की कमी से हड्डियां हो जाती हैं
कमजोर, इन Calcium से भरपूर बीजों को खाने पर दिख सकता है फायदा कैल्शियम की कमी से हड्डियां हो जाती हैं कमजोर, इन Calcium से भरपूर बीजों को खाने पर दिख सकता है फायदा कलौंजी से बना लीजिए सफेद बालों के लिए नेचुरल हेयर डाई, बालों की खोई हुई सुंदरता लौट आएगी कलौंजी से बना लीजिए सफेद बालों के लिए नेचुरल हेयर डाई, बालों की खोई हुई सुंदरता लौट आएगी ये तीन अलग-अलग मास्क स्किन और हेयर से जुड़ी हर परेशानी को कर देंगे छूमंतर, जानिए बनाने के तरीके ये तीन अलग-अलग मास्क स्किन और हेयर से जुड़ी हर परेशानी को कर देंगे छूमंतर, जानिए बनाने के तरीके डेंगू - भारत में हर साल डेंगू से कई लोगों की मौत हो जाती है. यह फीमेल एडीज मच्छरों द्वारा फैलता जो आमतौर पर दिन के समय या शाम होने से पहले काटते हैं. इस बीमारी के लक्षणों में तेज बुखार के बाद शरीर में दर्द होना शामिल है. इससे प्रभावित व्यक्ति को अत्यधिक पसीना और सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मतली, उल्टी, थकान, चकत्ते और लो ब्लड प्रेशर का भी अनुभव हो सकता है. गंभीर मामलों में, रोगियों को पेशाब की परेशानी और सांस फूलने की समस्या हो सकती है. डेंगू के दौरान प्लेटलेट काउंट में गिरावट का खतरा होता है, जिस पर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह घातक साबित हो सकता है. कोकोनेट ऑयल में ये चीज मिलाकर लगाने से गर्दन पर जमी मैल और काले अंडर आर्म हो जाएंगे एकबार में ही साफ चिकनगुनिया - बरसात के मौसम में होने वाली यह खास बीमारी भी मच्छरों से फैलती है. ये मच्छर आमतौर पर ओवरहेड टैंक, कूलर, पौधों और पानी के पाइपों में पाए जाते हैं. यह संक्रामक रोग भी टाइगर मच्छर, एडीज द्वारा फैलता है. चिकनगुनिया के मरीज को जोड़ों में तेज दर्द, तेज बुखार, थकान और शरीर में ठंडक जैसे लक्षण महसूस होते हैं. रोग की कुछ जटिलताओं में रेटिना, हृदय की मांसपेशियों, यकृत, गुर्दे में सूजन शामिल है. मलेरिया - मानसून में यह रोग भी मच्छरों के कारण होता है. बरसात के मौसम में जल जमाव मच्छरों के पनपने की जगह बनते हैं. इस बीमारी के लक्षण तेज बुखार, कंपकंपी और शरीर का ठंडा होना, अधिक पसीना आना और गंभीर एनीमिया हैं. इन लक्षणों पर ध्यान देना और उचित उपचार लेना महत्वपूर्ण है. नहीं तो, यह सेरेब्रल मलेरिया जैसी हेल्थ इश्यूज का कारण बन सकता है, जिससे मलेरिया के रोगियों में मृत्यु हो जाती है, पीलिया और सांस की भी परेशानी हो सकती है.
टायफाइड - यह मानसून से संबंधित अत्यधिक संक्रामक बीमारियों में से एक है. यह दूषित भोजन और पानी के कारण होता है और इसके लक्षणों में लंबे समय तक तेज बुखार, कमजोरी, पेट दर्द, भूख कम लगना शामिल हैं. सही इलाज ना मिलने पर परेशानी बढ़ सकती है. इन्फ्लूएंजा - मौसम में अचानक बदलाव और तापमान में उतार-चढ़ाव इन्फ्लूएंजा का कारण बन सकता है. यह एक वायरल संक्रमण है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है. इस बीमारी के लक्षणों में बुखार, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, नाक बंद होना और सूखी, लगातार खांसी शामिल हैं. अगर ट्रीटमेंट न किया जाए तो रोग और भी गंभीर हो सकता है. यह निमोनिया का कारण बन सकता है और अस्थमा, मधुमेह और हृदय रोग जैसी अन्य पुरानी चिकित्सा स्थितियों को ट्रिगर कर सकता है. बरसाती बीमारियों से बचने के उपाय सुनिश्चित करें आपको और आपके परिवार के सदस्यों को टीका लगाया गया है. अधिक पौष्टिक भोजन करें और जंक फूड के सेवन से बचें. हाइड्रेटेड रहें और गर्म और साफ पानी पिएं. अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immunity) को दुरुस्त रखने के लिए विटामिन लीजिए. अपने आस-पास साफ़-सफ़ाई रखें और कूलर के पानी को रोज बदलें. मच्छर भगाने वाली क्रीम, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें. फ्लू और खांसी जैसी इंफेक्शियस बीमारियों से बचने के लिए बाहर निकलते समय मास्क पहनें. सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.