क्लॉटिंग से AstraZeneca के टीके का सीधा संबंध, साइडइफेक्ट का असली कारण अभी तक सामने नहीं आया
एस्ट्राजेनेका की ओर से विकसित कोविड-19 टीके का मस्तिष्क में खून के थक्के जमने की दुर्लभ समस्या से सीधा संबंध मिला है
एस्ट्राजेनेका की ओर से विकसित कोविड-19 टीके का मस्तिष्क में खून के थक्के जमने (क्लॉटिंग) की दुर्लभ समस्या से सीधा संबंध मिला है। हालांकि, इसकी वजह फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाई है। यूरोपीय औषधि एजेंसी (ईएमए) ने मंगलवार को यह बात कही।
ईएमए अध्यक्ष मार्को कैवेलेरी ने इतालवी अखबार 'मैसाजेरो' को दिए एक साक्षात्कार में कहा, 'शुरुआती विश्लेषण के आधार पर यह कहा जा सकता है कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन और मस्तिष्क में खून के थक्के जमने की समस्या में सीधा संबंध है। हालांकि, हम फिलहाल यह पता नहीं लगा सके हैं कि इस साइडइफेक्ट की असल वजह क्या है।'
ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्रेजेनेका के प्रवक्ता ने मामले में टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। कंपनी ने पहले कहा था कि उसके परीक्षणों में वैक्सीन से क्लॉटिंग का खतरा नहीं दर्ज किया गया था।
कैवेलेरी ने यह भी कहा कि एस्ट्राजेनेका के टीके के फायदे के सामने उसके दुष्प्रभाव कहीं नहीं ठहरते। अकेले यूरोप के आर्थिक क्षेत्र में 92 लाख लोगों को यह वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इनमें से महज 44 में 'सेरिब्रल वेनस साइनस थ्रॉम्बोसिस (सीवीएसटी)' की शिकायत सामने आई है।
सीवीएसटी एक दुर्लभ बीमारी है, जिसमें मस्तिष्क में खून के थक्के जमने की समस्या पनपने लगती है। ईएमए अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि एस्ट्राजेनेका के टीके के दुष्प्रभावों पर अध्ययन जारी है। इस संबंध में उसकी विस्तृत बुधवार या गुरुवार तक आएगी। एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन से क्लॉटिंग की शिकायतों के मद्देनजर फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड सहित कई देशों ने कम उम्र के लोगों के टीकाकरण में इसका इस्तेमाल रोक दिया है।
डब्ल्यूएचओ ने वैक्सीन का समर्थन किया
जेनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंगलवार को एक बार फिर एस्ट्राजेनेका के टीके का समर्थन किया। साथ ही उम्मीद जताई कि उसके पास इस आकलन को बदलने की कोई वजह नहीं होगी कि टीके के खतरे उसके फायदों के आगे कहीं नहीं ठहरते। डब्ल्यूएचओ के नियामक अधिकारी रॉजेरियो गैस्पर ने कहा, हम यूरोपीय स्वास्थ्य एजेंसियों के साथ मिलकर टीके के दुष्प्रभाव संबंधी डाटा का विश्लेषण कर रहे हैं। हमारी रिपोर्ट गुरुवार तक आने की उम्मीद है। हमें यकीन है कि टीके को लेकर अपने आकलन को बदलने की हमारे पास कोई वजह नहीं होगी।