साल 2020 में कोरोना के अलावा ये वायरस भी बीमार पड़सकते है,जानें इस कोहराम से कैसे बचें

कोरोना वायरस महामारी से साल 2020 बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

Update: 2020-12-14 06:46 GMT

जनता से रिश्ता बेवङेस्क| कोरोना वायरस महामारी से साल 2020 बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इससे आम जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। एक साल के बाद भी कोरोना वायरस पर काबू नहीं पाया जा सका है। हालांकि, वैक्सीन बनाने में कामयाबी मिली है। ऐसे में उम्मीद है कि आने वाले साल 2021 में सभी लोगों को वैक्सीन उपलब्ध होगी। इस वायरस से बचने के लिए मास्क और शारीरिक दूरी सुरक्षा कवच है। साथ ही साफ़-सफाई भी जरूरी है यानी नियमित अंतराल पर हाथों को सैनिटाइज़ जरूर करें। कोरोना वायरस के अलावा कई अन्य वायरस से 2020 प्रभावित हुआ है। इनमें कैट क्यू वायरस, चैपर वायरस, हंता वायरस, माल्टा फीवर और इलुरू आउटब्रेक शामिल हैं। आइए विस्तार से जानते हैं-

माल्टा बुखार

यह बीमारी बैक्टीरिया से फैलती है। इसे ब्रूसीलोसिस, लहरदार बुखार, भूमध्यसागरीय ज्वर और माल्टा बुखार भी कहा जाता है। यह एक संक्रमण रोग हैं, जो कशेरुकी जीवाश्मिकी से इंसानों में फैलता है। आमतौर पर यह पशुजन्य रोग है, लेकिन संपर्क में आने से इंसानों के भी संक्रमित होने का खतरा रहता है। इंसान में यह संक्रमण माल्टा बुखार से संक्रमित जानवरों के दूध पीने से होता है। इसके लिए कच्चे दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। यह बीमारी किसी भी उम्र के स्त्री और पुरुष को हो सकती है। इस बुखार से व्यक्ति नपुंसकता का शिकार भी हो सकता है।

हंता वायरस

सीडीसी के अनुसार, हंता वायरस मुख्य रूप से कृन्तकों यानी चूहों, गिलहरी आदि कतरने वाले जानवरों द्वारा फैलने वाले वायरस में से एक है, जो दुनिया भर के लोगों में विभिन्न तरह के रोग सिंड्रोम पैदा कर सकता है। इससे हंता वायरस पल्मोनरी सिंड्रोम और रेनल सिंड्रोम के साथ हेमरिक फीवर जैसी बीमारी हो सकती है।

चैपर वायरस

चैपर वायरस का मामला नवंबर महीने में बोलिविया में दर्ज किया गया था। यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान को संक्रमित होता है। इस वायरस से हेमोरेजिक बुखार होता है। चैपर वायरस के बारे में पहली बार साल 2003 में पता चला था। चैपर वायरस में सिरदर्द, बुखार, आंखों में दर्द, पेट में दर्द आदि लक्षण दिखाई देते हैं।

इलुरू आउटब्रेक

कोरोना काल में आंध्र प्रदेश के इलुरू जिले में अज्ञात बीमारी से सैकड़ों लोग बीमार हो चुके हैं। इस बीमारी का पहला मामला 6 दिसंबर को दर्ज किया गया था। इलुरू आउटब्रेक से मरीजों को बदन में जकड़न, सिरदर्द, चक्कर आना, बेहोशी आदि के लक्षण दिखाई देते हैं। इस बीमारी के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।

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