साल बाद इस दुर्लभ योग में दो महीने का होगा सावन, जानें तिथि समेत जरूरी बातें
साल बाद इस दुर्लभ योग में दो महीने
हिन्दी धर्म में भगवान शिव की पूजाका सबसे पावन महीना सावन माना जाता है।
इस साल सावन बहुत ही दुर्लभ योग में पड़ने जा रहा है। खास बात यह है कि सावन इस बार दो महीने का होने वाला है।
ऐसे में ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं सावन की आरंभ तिथि समेत सभी जरूरी बातें।
कब से शुरू हो रहा है सावन 2023?
sawan ki puja
सावन आरंभ तिथि: 4 जुलाई, दिन मंगलवार
सावन समापन तिथि: 31 अगस्त, दिन गुरुवार (गुरुवार के उपाय)
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क्यों पड़ रहा है 2023 में दो बार सावन?
वैदिक पंचांग की गणना सौर मास और चंद्र मास के आधार पर की जाती है।
चंद्र मास 354 दिनों का होता है और सौर मास 365 दिन का।
चंद्र मास और सौर मास में तकरीबन 11 दिनों का अंतर होता है।
हर तीसरे साल में यह अंतर 33 दिनों का हो जाता है।
इसी अंतर को अधिक मास कहा जाता है।
इस बार सावन अधिक मास में ही है जो बहुत दुर्लभ माना जाता है।
यही कारण है कि सावन इस साल दो महीने का होने वाला है।
कब-कब हैं सोमवार तिथियां?
sawan ki tithi
सावन पहला सोमवार: 10 जुलाई
सावन दूसरा सोमवार: 17 जुलाई
सावन तीसरा सोमवार: 24 जुलाई
सावन चौथा सोमवार: 31 जुलाई
सावन पांचवा सोमवार: 7 अगस्त
सावन छठा सोमवार: 14 अगस्त
सावन सातवां सोमवार: 21 अगस्त
सावन आठवां सोमवार: 28 अगस्त
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कैसे करें सावन 2023 की पूजा?
सावन सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान शिव का स्मरण करें।
अपने दाहिने हाथ में जल लेकर सावन सोमवार व्रत का संकल्प लें।
इसके बाद एक लोटे में गंगाजल भरकर शिव मंदिर में जाएं।
भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करें। 'ॐ नमः शिवाय मंत्र' का जाप करें।
भोलेनाथ को अक्षत, सफेद फूल, सफेद चंदन, भांग, धतूरा अर्पित करें।
गाय का दूध, धूप, पंचामृत, सुपारी, बेलपत्र आधी भी शिवलिंग पर चढ़ाएं।
सामग्री चढ़ाते समय ॐ का उच्चारण करें या शिव स्तुति गाएं।
भगवान शिव के आगे रुद्राक्ष अर्पित करें और मृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
मंदिर में बैठकर सावन सोमवार के दिन सोमवार व्रत की कथा अवश्य पढ़ें।
भगवान शिव को प्रसाद के रूप में घी और चीनी का भोग लगाएं।
भगवान शिव की आरती गाएं और महादेव का ज्यादा से ज्यादा ध्यान करें।
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