हिन्दू धर्म में गरुण पुराण के अनुशार सूर्यास्त के बाद करना वर्जित है ये चीज़े

सफल जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण गरुड़ पुराण की ये बात

Update: 2023-02-24 17:14 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क|  हिन्दू धर्म में वेद एवं पुराणों का विशेषहै। सनातन धर्म में 18 महापुराण हैं, जिसमें गरुड़ पुराण की चर्चा सबसे अधिक की जाती है। बता दें कि सनातन संस्कृति में गरुड़ पुराण को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें भगवान विष्णु ने अपने प्रिय वाहन गरुड़ देव को जीवन के कुछ मूल रहस्यों के विषय में बताया है। भगवान विष्णु ने गरुड़ पुराण के माध्यम से कुछ ऐसी बातें भी बताई हैं, जिन्हें सफल जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा ही एक विषय है कि मनुष्य को सूर्यास्त से पहले किन-किन कार्यों को खत्म कर लेना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि गरुड़ पुराण के अनुसार 
सूर्यास्त के बाद किए गए कुछ कार्यों से कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्नसूर्यास्त
के बाद किए गए कुछ कार्यों से कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। जिसका जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आइए जानते हैं-
सूर्यास्त के बाद न लगाएं झाड़ू
गरुड़ पुराण के अनुसार व्यक्ति को घर की साफ-सफाई में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि साफ और सुद्ध घर में देवी-देवताओं का वास होता है। लेकिन घर की साफ-सफाई का कार्य सूर्यास्त से पहले पूरा कर लें। ऐसा इसलिए क्योंकि सूर्यास्त के बाद घर में झाड़ू लगाने से माता लक्ष्मी क्रोधित हो जाती हैं और व्यक्ति को आर्थिक क्षेत्र में समस्याओं का समाना करना पड़ता है।
सूर्यास्त के बाद न करें इन चीजों का दान
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि दान ही व्यक्ति का परम धर्म है और इस कर्म को करने से व्यक्ति को निश्चित रूप से मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन दान करते समय इस बात का ध्यान रखें कि किसी को भी व्यक्ति को और खासकर ब्राह्मण को फटे हुए वस्त्र या जूते दान ना करें। ऐसा करने से न केवल वास्तु दोष उत्पन्न होता है, बल्कि देवी-देवता भी क्रोधित हो जाते हैं। साथ ही सूर्यास्त के बाद खट्टी चीजें जैसे- दही, अचार और इसके साथ प्याज, दूध अथवा नमक इत्यादि का दान ना करें। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
तुलसी में न डालें जल
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि व्यक्ति को रोज सुबह उठकर तुलसी में जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों ही प्रसन्न होते हैं। लेकिन सूर्यास्त के बाद यह कार्य भूलकर भी ना करें। संध्या काल में तुलसी को जल अर्पित करने से माता लक्ष्मी क्रोधित हो जाती हैं और घर से लौट जाती हैं। जिस वजह से परिवार को आर्थिक रूप से समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
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