विशेषज्ञों के अनुसार, युवावस्था में तेजी से बढ़ रही है हार्ट फेलियर की समस्या, आप भी न करें ऐसी गलतियां
विशेषज्ञों के अनुसार
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: एक समय था जब हृदय रोग और इससे जुड़ी स्थितियां सिर्फ बुढ़ापे में ही देखने को मिलती थीं। लेकिन अब समय बदल चुका है। जीवन शैली का सही न होना, खाने की आदतों में बदलाव और पौष्टिकता की कमी के साथ-साथ तनाव, चिंता और मोटापे जैसे कारकों ने युवाओं को भी हृदय रोग का शिकार बना दिया है। इतना ही नहीं कई सारे कम उम्र को लोगों में दिल का दौरा पड़ने जैसी गंभीर समस्याएं भी देखने को मिल रही हैं। कम उम्र में होने वाली ऐसी समस्या न सिर्फ जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर देती है साथ ही आप कई अन्य बीमारियों के भी शिकार हो जाते हैं।
आइए जानते हैं इस स्थिति में युवाओं को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे वह स्वयं को इस तरह की गंभीर बीमारियों से सुरक्षित कर सकें? हृदय रोग से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो हार्ट फेलियर एक प्रकार की क्रोनिक स्थिति है। यह समस्या तब होती है जब हृदय पर्याप्त रूप से रक्त को पंप करने में असमर्थ हो जाता है, जिसके चलते शरीर में ऊतकों की चयापचय मांग पूरी नहीं हो पाती है। हृदय में इस तरह की कमजोरी के कारण रक्त की आपूर्ति प्रभावित होती है जिसके कारण थकान, सांस की तकलीफ और हार्ट फेलियर जैसी गंभीर दिक्कतें कम आयु में ही हो सकती हैं।