बाल झड़ने की समस्या आजकल काफी आम है। महिलाएं और पुरुष दोनों में ही ये समस्या देखने को मिलती है। बालों का झड़ना यूं तो सामान्य है लेकिन जब बाल झड़ते अधिक हैं और उसकी तुलना में नए बाल कम उगते हैं तो हमारे स्कैल्प पर बाल कम होने लगते हैं। हमारे स्कैल्प पर मौजूद बालों में से 90 प्रतिशत बाल एक समय पर बढ़ रहे होते हैं और 10 प्रतिशत बालों में ग्रोथ नहीं हो रही होती है। कुछ महीने बाद जो 10 प्रतिशत बाल नहीं बढ़ रहे होते हैं, वे झड़ जाते हैं और उनकी जगह नए बाल उग जाते हैं, ये बालों की ग्रोथ का साइकिल है। इस चक्र के हिसाब से भी हर दिन कुछ बाल झड़ना सामान्य है। लेकिन अगर आपको सामान्य से अधिक बाल झड़ने का अनुभव हो रहा है, नए बालों की ग्रोथ नहीं हो रही है, बाल पतले होते जा रहे हैं तो इसे आप हेयरफॉल कहेंगे।
हेयरफॉल के कई कारण हो सकते हैं जिनमें खान-पान का सही न होना, प्रदूषण या फिर कोई हेल्थ कंडीशन शामिल है। कुछ लोगों में यह जेनेटिक भी होता है। आयुर्वेद के अनुसार, बाल झड़ने का संबंध शरीर में मौजूद तीन दोषों से माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार, बाल झड़ने के क्या कारण हो सकते हैं, इस बारे में आयुर्वेदिक डॉक्टर नीतिका कोहली से जानते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार बाल झड़ने के कारण
आयुर्वेद के अनुसार, बाल झड़ना यानी खालित्य का सीधा संबंध शरीर में मौजूद तीन दोषों से है।
बिगड़ा हुआ यानी असंतुलित पित्त, असंतुलित वात के साथ मिलकर बाल झड़ने की वजह बनता है।
रक्त और कफ में मौजूद खराबी बालों के रोमछिद्रों को बंद कर देते हैं, जिससे नए बालों का उगना रुक जाता है।
सामान्य से अधिक बाल झड़ने को एलोपेसिया कहते हैं। इसकी वजह से स्कैल्प से बाल पूरी तरह भी झड़ जाते हैं।
जब हमारे शरीर में पित्त दोष बढ़ जाता है तो शरीर से गर्मी अधिक निकलती है जिसकी वजह से बालों के रोमछिद्रों में सूजन आ सकती है और बालों की ग्रोथ रुक सकती है।
इसके अलावा असंतुलित खान-पान, शरीर को सही तरह से पोषण न मिलना बाल झड़ने की बड़ी वजह है।
तनाव(तनाव कम करने के लिए बदलें ये आदतें) की वजह से भी बाल झड़ते है। causes of hairfall as per ayurveda
स्ट्रेस के कारण पित्त दोष(पित्त दोष का पीरियड्स पर असर) बढ़ सकता है, जिसके चलते बाल झड़ने की समस्या हो सकती है।
वहीं समय पर न सोने से भी शरीर में वात दोष बढ़ता है, जिससे बाल झड़ते हैं।
शरीर में मौजूद हार्मोनल इंबैलेंस भी बाल झड़ने का एक कारण है।