आउटडोर यात्रा के 4 शानदार विकल्प

ही एक पशु अस्पताल एवं पुनर्वसन केंद्र में हुई, जहां पुन: जंगल में

Update: 2023-06-06 08:03 GMT

लाइफस्टाइल | दक्षिण अफ्रीका के पोर्ट एलिज़ाबेथ और ग्राहम्सटाउन के ठीक बीच फैला शैम्वारी प्राइवेट रिज़र्व ज़िम्मेदार पर्यटन के एक बेहद आकर्षक ठिकाने के रूप में और वन्य प्राणियों के संरक्षण के प्रयासों के लिए जाना जाता है. बेबी हाथी थेम्बा से हमारी मुलाक़ात शैम्वारी के ही एक पशु अस्पताल एवं पुनर्वसन केंद्र में हुई, जहां पुन: जंगल में छोड़े जाने के लिए उसका इलाज चल रहा था. नन्हें थेम्बा की मां एक चट्टान से नीचे गिर गई थी, जिसके बाद से वह अपनी मां से बिछड़ गया था. रेन्जर्स ने थेम्बा को बचा लिया और अस्पताल पहुंचा दिया. भूख से अधमरे हो चुके थेम्बा को शैम्वारी में नई ज़िंदगी दी उसके उद्धारकों ने. उन्होंने उसे बोतल से दूध पिलाया और इतना लाड़ दिया कि वह जल्द ही फिर उतना ही तन्दुरुस्त हो गया, जितना कि हाथी के किसी नन्हें बच्चे को होना चाहिए.

दक्षिण अफ्रीका के जंगली अंचलों में आपको ऐसे एक नहीं, बल्कि अनेक थेम्बा मिल जाएंगे. दक्षिण अफ्रीका के वन्य जीवों की लुप्त होती प्रजातियों को बचाने के कई निजी प्रयास किए जा रहे हैं. इन प्रजातियों में शामिल हैं चीता व उसकी कुछ अन्य दुर्लभ प्रजातियां, लंगूर वानर और काले गेंडे. अनाथ, घायल और संकटग्रस्त प्राणियों की देख-रेख और उनको नया जीवन देने के प्रयास में कई लोग जुड़े हुए हैं, उनका मानना है कि शायद हम ही वह आख़िरी पीढ़ी हैं, जो एक नया बदलाव लाकर दुर्लभ वन्य जीवों को लुप्त होने से बचा सकते हैं.
कैसे जाएं: भारत से जोहान्सबर्ग के लिए सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं. वहां से पोर्ट एलिज़ाबेथ के लिए फ़्लाइट पकड़ें, जो शैम्वारी गेम रिज़र्व से सड़क के रास्ते 45 मिनट की दूरी पर है.कहां ठहरें: शैम्वारी गेम रिज़र्व एक निजी अभ्यारण्य है. यहां ठहरने के किराए में भोजन तथा गेम ड्राइव भी शामिल है.
सीमांचल पर सूर्यास्त को निहारेंभारत का सबसे बड़ा जिला कच्छ अपने राज्य गुजरात के मुख्य क्षेत्र से तबीयत और ज़िंदगी के लय-ताल के मामले में कुछ हट कर है. सुंदरता को आईना दिखाते इस जगह का स्वप्निल सच सिर्फ़ महसूस किया जा सकता है, बयान नहीं. ख़ूबसूरती के इस रेतीले आकर्षण को महसूस करने-कराने के बेहद अच्छे काम में लगे हैं होडका गांव के निवासी, जो शाम-ए-सरहद रूरल रिसॉर्ट नामक एक ऐसा उपक्रम चला रहे है जो सामुदायिक पर्यटन प्रयास का अनोखा नमूना पेश करता है.
इस रिसॉर्ट की ख़ासियत है भुन्गा (बेलनाकार छतों वाली मिट्टी की दीवारों से बनीं गोल झोपड़ीनुमा रिहायशी इकाइयां, जो कच्छ के जिला मुख्यालय भुज के उत्तर में स्थित बान्नी के आसपास बसे 46 गांवों की विशेषता हैं) और रिसोर्ट के बीचों-बीच बने आरामदेह टेन्ट्स का जमावड़ा. अंदर की सजावट के लिए शोख़ रंगों के आवरणों, गलीचे, रज़ाई, छोटे-छोटे कांच के टुकड़े जड़े हुए लकड़ी के फ़र्नीचर्स इत्यादि का प्रयोग किया गया है. यहां फ्रेंच विंडोज़ पर स्थानीय कपड़े से बने पर्दे टंगे दिखाई देंगे. टेलीफ़ोन और टीवी जैसे आधुनिक उपकरण यहां नहीं हैं. भुन्गा के पिछले हिस्से में बने लग्ज़रियस बाथरूम में शीशे की दीवार पर बाहर की ओर से मिट्टी की दीवार बनाई गई है, जो उसे कवच का सा आवरण देती है.
पास के गांवों के का चक्कर लगाने के लिए निकलने पर आप ख़ूबसूरती से मिट्टी से पोते गए घरों को देख सकेंगे. गाढ़े रंगों के इस्तेमाल से बनी हुई विभिन्न प्रकार की हस्त निर्मित कलाकृतियों से की गई इन घरों की आंतरिक सज्जा भी मन मोह लेगी. मेहमाननवाज़ी पसंद गांववाले आपके हाथ में अनायास ही चाय का ग्लास थमा देंगे.
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