कढ़ी मूलत: किस जगह की डिश है यह बता पाना मुश्क़़िल है. पर कढ़ी शब्द पंजाब के कढ़ा से लिया गया है, जिसका मलतब होता है अच्छे से पका हुआ. जैसे कि कढ़ा प्रसाद है. कढा शब्द कढ़ाही से लिया गया है. कढ़ी को धीमी आंच पर काफ़ी देर पकाया जाता है. चलिए आज आपको इसे बनाने की विधि से अवगत कराते हैं.
तैयारी का समय: 20 मिनट
पकाने का समय: 30 मिनट
सर्विंग साइज़: 4
सामग्री
150 ग्राम दही (खट्टी)
1 1/2 टेबलस्पून बेसन
1 टेबलस्पून अदरक, लहसुन का पेस्ट
1 टीस्पून हरी मिर्च का पेस्ट
1 प्याज़, बारीक़ कटा हुआ
1/2 टीस्पून जीरा
1/2 टीस्पून मेथी
½ टीस्पून हींग
1/2 टेबलस्पून सूखा धनिया, हल्का कूटा हुआ
½ टेबलस्पून हल्दी
2 साबूत लाल मिर्च
2 टेबलस्पून तेल
100 ग्राम खारी बूंदी
ताज़ी हरी धनिया, बारीक़ कटी हुई
विधि
एक बड़ा बाउल लें और उसमें बेसन छानें. अब उसमें दही डालें अच्छी तरह से फेंटें, ताकि गांठ ना रहे. इसके बाद हल्दी, नमक और हींग डालें और सभी को अच्छी तरह से मिला लें. अब पानी डालें और उसे भी ठीक तरह से मिलाकर एक तरफ़ रख दें.
एक मोटे तली वाली कढ़ाही लें और उसमें तेल डालें. तेल गर्म होने के बाद उसमें जीरा, मेथी, लाल मिर्च, कूटा हुआ सूखा धनिया, अदरक-लहसुन का पेस्ट, हरी मिर्च का पेस्ट और बारीक़ कटा प्याज़ डालें और धीमी आंच पर भूनें.
जब मसालों से हल्की महक आने लगे तो दही और बेसन से तैयार मिश्रण को उसमें डालें और लगभग 10 मिनट तक धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए पकाएं. इसे ही पंजाबी में काढ़ना कहते हैं. अगर आप बीच में चलाना छोड़ देंगे तो कढ़ी फट जाएगी.
एक उबाल आने के बाद बाद कढ़ी को और 7 से 8 तक मिनट पकने दें. फिर उसमें बूंदी डालें और 2 मिनट तक तेज़ आंच पर पका लें.
कुछ देर तक ढंक कर छोड़ दें.
कटी हुई हरी धनिया डालकर मिलाएं और चावल के साथ सर्व करें.