संगीत की दुनिया में लता मंगेशक ने अपने सिंगिंग करियर के 80 साल पूरे किए

स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar complete 80 years) ने अपने सिंगिंग करियर के 80 साल पूरे किए हैं.

Update: 2021-12-16 17:15 GMT

स्वर कोकिला लता मंगेशक ने अपने सिंगिंग करियर के 80 साल पूरे किए हैं.जिसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा की. सबकी प्रिय भारत रत्न (bharat ratna) सम्मानित लता मंगेशकर ने ट्वीटर पर अपने संगीत के सफर में 80 वर्ष पूरे करने पर ट्वीट करते हुए अपने फैंस के साथ अपनी खुशी बांटी.

1941 में किया रेडियो पर डेब्यू
दिग्गज गायिका लता मंगेशकर यूं तो सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं रहतीं लेकिन बात हो बेहद खास तो वो अपने फैंस के साथ अपनी खुशी जाहिर करने में पीछे नहीं रहतीं. स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने अपने ट्वीट करते हुए लिखा कि 16 दिसम्बर 1941 को ईश्वर का पूज्य माई और बाबा का आशिर्वाद लेकर मैंने रेडियो के लिए पहली बार स्टूडियो में 2 गीत गाए थे.
आज इस बात को 80 साल पूरे हो रहे हैं. इन 80 सालों में मुझे जनता का असीम प्यार और आशिर्वाद मिला है. मुझे विश्वास है की आपका प्यार,आशिर्वाद मुझे हमेशा यूँही मिलता रहेगा. गायिका के इस ट्वीट पर उनके लाखों करोड़ों फैंस तरह तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं. लोग उन्हें बधाई देने के साथ इंडियन सिनेमा के पहचान बताते हुए उनके द्वारा गाए हिट गानों के लिए शुक्रिया भी कर रहे हैं.
भारत का गौरव हैं लता मंगेशकर
लता मंगेशकर का नाम गायन के दुनिया के सबसे बड़े नामों में शुमार हैं. और उन्होंने छत्तीस से ज्यादा रीजनल भाषाओं में भारतीय गाने गाए हैं. उन्हें दादासाहेब फाल्के पुरस्कार और भारत रत्‍न भी मिल चुका है. 92 साल की लता मंगेशकर ने 12-13 साल की उम्र से ही गाना शुरू कर दिया था. 40 के दशक से फिल्मों में गाना शुरू करने वालीं लता मंगेशकर ने कुछ साल पहले तक भी लगातार गाने गाए हैं लेकिन हाल के दिनों में सेहत के साथ ना देने की वजह से गायन से दूर हैं. उनका करियर काफी लंबा हैं करीब छह दशक तक उन्होंने फिल्मों में कई बड़े हिट दिए हैं. 28 सितंबर 1929 को मध्यप्रदेश के इंदौर में जन्मीं लता मंगेशकर को स्वर कोकिला कहा जाता है.
इंडस्ट्री में उन्हें भगवान का दर्जा दिया जाता है.
दिल को छूते हैं उनके ये खास गाने लता मंगेशकर के लोकप्रिय गाने में कोई एक नहीं शुमार होता उनके द्वारा गया हर गाना अपने आप में सुकून भरा होता है लेकिन फिर भी अपने सात दशक लंबे करियर में उन्होंने जिन गीतों को सुरों से सजाया उनमें "अजीब दास्तां है ये", "प्यार किया तो डरना क्या", "सत्यम शिवम सुंदरम", "नीला आसमां सो गया", "दिल दीवाना बिन सजना के, "तेरे लिए" गाने बेहद खास हैं.


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