दिवाली में लौटेगी चमक?
ये लगभग पूरा साल कारोबार के लिहाज से खराब गुजरा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ये लगभग पूरा साल कारोबार के लिहाज से खराब गुजरा है। क्या अब जाते-जाते 2020 भारतीय बाजार को कुछ संतोषजनक दे पाएगा? फिलहाल, दिवाली आने के साथ कारोबारियों की उम्मीदें बढ़ी हुई हैं। बाजार का अंदाजा लगाने वाली एजेंसियां भी ऐसी संभावनाएं जता रही हैं। मसलन, जापानी ब्रोकरेज फर्म- नोमुरा का कहना है कि लॉकडाउन के बाद भारत का बिजनेस इंडेक्स 18 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मार्च में लॉकडाउन लागू किया गया था। अब क्रोमा और विजय सेल्स जैसे बड़े रिटेलर भी हाल के दिनों की बिक्री बढ़ने की बात कह रहे हैं। ये दोनों ही रिटेलर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बेचते हैं। छोटे कारोबारियों की संस्था अखिल भारतीय व्यापारी संघ का कहना है कि उसके सदस्य सात करोड़ व्यापारी इस साल दिवाली के लिए 14 फीसदी बफर स्टॉक रखने की योजना बना रहे हैं, ताकि मांग बढ़ने पर स्टॉक खत्म ना हो। पिछले साल व्यापारियों ने 10 फीसदी ही बफर स्टॉक किया था।
व्यापारी संघ के मुताबिक आर्थिक दबाव के बावजूद कारोबारी अधिक माल स्टॉक कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि त्योहारों में अधिक लोग खरीदारी करने आएंगे। लेकिन सारे देश में उम्मीदें इतनी ऊंची नहीं हैं। हाल ही में मीडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक इस सीजन में जयपुर में दुकानें और शोरूम आम तौर पर स्थानीय और विदेशी पर्यटकों से भरी रहती थीं, लेकिन गुजरे सप्ताह भी बहुत कम कारोबार हुआ। कारोबारियों का कहना है कि इस शहर की मुख्य आय का स्रोत पर्यटन है, लेकिन इस मकसद से अब भी लोग कम आ रहे हैं। हकीकत यह है कि अब भी खर्च के मूड में नहीं हैं। वे अधिक से अधिक बचत कर रहे हैं। बहुत से लोगों की नौकरियां गई हैं। बड़ी संख्या में लोगों की तनख्वाह में कटौती हुई है। बहुत से कर्मियों को उनके संस्थानों ने ज्यादा काम नहीं होने की वजह से छुट्टी पर भेज दिया था। इसका असर उनकी आमदनी पर पड़ा। जाहिर है, ऐसे लोग बड़ी खरीदारी नहीं करेंगे। तो फिर बाजार का हाल कैसे सुधरेगा? भारतीय व्यापारी संघ का अनुमान है कि लोगों ने जो बचत की है, उसका एक बड़ा हिस्सा वो त्योहारों में खर्च कर सकते हैं। लेकिन ये उम्मीद ही है। हकीकत क्या होगी, यह देखने पर सबकी निगाहें लगी रहेंगी।