क्वालिटी एजुकेशन (गुणात्मक शिक्षा) एक ऐसा बिंदु है जिसको लेकर सभी राज्य सरकारें संजीदा हो गई हैं। यूं भी पिछले वर्षों में हमारे समाज ने जो भी प्रगति की है, उसकी वजह शिक्षा है। शिक्षा समाज का आधार होती है। यह सुधारों को जन्म देती है और नए विचारों (इनोवेशन) के लिए रास्ता तैयार करती है। इस सम्बन्ध में क्वालिटी एजुकेशन के महत्व को कमतर नहीं आंका जा सकता। यही वजह है कि महान शख्सियतों ने एक सभ्य समाज में इसके महत्व पर विस्तार से लिखा है। शिक्षा की बदौलत ही मनुष्य ब्रह्मांड की विशालता और परमाणुओं में इसके अस्तित्व के रहस्य का पता लगा सका है। अगर शिक्षा न होती तो गुरुत्वाकर्षण (ग्रेविटी), संज्ञानात्मक असंगति (कॉग्निटिव डिसोनेन्स), लेजर से होने वाले ऑपरेशन और लाखों अन्य ऐसे कॉन्सेप्ट्स मौजूद न होते। आज भी कई ऐसे देश हैं जो गुणात्मक शिक्षा की दौड़ में पिछड़ रहे हैं। हम भी ऐसे देशों की पंक्ति से अभी बाहर नहीं निकल पाए हैं। बेल्जियम स्थित संगठन एजुकेशन इंटरनेशनल (ईआई) क्वालिटी एजुकेशन को परिभाषित करते हुए कहता है कि यह लिंग, नस्ल, जातीयता, सामाजिक-आर्थिक स्थिति या भौगोलिक स्थिति की परवाह किए बिना प्रत्येक छात्र के सामाजिक, भावनात्मक, मानसिक, शारीरिक और संज्ञानात्मक विकास पर केंद्रित होती है।
सामान्य भाषा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आधुनिक समाज की मांग है और चाहे कोई भी क्षेत्र हो गुणवत्ता की मांग हर जगह होती है। यह बच्चे को केवल परीक्षाओं के लिए नहीं, बल्कि पूरी जिंदगी के लिए तैयार करती है। 2012 में संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार अपने सतत विकास लक्ष्यों में क्वालिटी एजुकेशन को शामिल किया। इसके अलावा आधुनिक समय में शिक्षा टेक्नोलॉजी से काफी प्रभावित है। इस टेक्नोलॉजी ने छात्रों के लिए शिक्षा को पाना आसान बनाया है। क्वालिटी एजुकेशन न केवल एक छात्र को नौकरी के लिए तैयार करती है, बल्कि वह व्यक्ति के समग्र व्यक्तित्व का भी विकास करती है। बच्चों के मामले में, इसका उद्देश्य उनकी पूर्ण परवरिश करना है, जिसके तहत उन्हें एक स्वस्थ जीवन शैली जीने में मदद करने के लिए पाठ्यक्रम (करिकुलम) के एक हिस्से के रूप में मूल्य और नैतिकता सिखाए जाते हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा क्या होती है, इसको समझें। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का मतलब ऐसी शिक्षा से है जो अपने निर्माण के उद्देश्यों को अच्छी तरह समझती हो और आपके लिए फायदेमंद है। अगर आधुनिक युग की बात की जाए तो किसी भी देश की शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण कहना गलत होगा। वर्तमान की शिक्षा अपने उद्देश्यों की प्राप्ति करने में असफल रही है।
क्वालिटी एजुकेशन में प्राय: उसी शिक्षा का समावेश होता है जो शिक्षा शिक्षण-अधिगम में छात्रों की रुचि एवं क्षमताओं को समझे एवं समाज की आवश्यकताओं की पूर्ति करे और छात्रों को जीवनदान देने योग्य बनाए। संयुक्त राष्ट्र एक अधिक उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य के लिए शिक्षा के महत्त्व को समझता है और इसलिए उसका मानना है कि केवल एजुकेशन नहीं, बल्कि क्वालिटी एजुकेशन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। अपने सतत विकास लक्ष्यों में, संयुक्त राष्ट्र ने 2030 तक दुनिया में बदलाव लाने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को एक प्रमुख लक्ष्य के रूप में पहचाना है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से तात्पर्य सभी के लिए समान और मानक शिक्षा है जो आजीवन सीखने और ज्ञान की प्राप्ति को बढ़ावा दे। समावेशिता और समानता गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की नींव है, न कि ऊंची साक्षरता दर। शिक्षा को समझने और इसे दुनिया को बदलने का साधन बनाने के लिए यह एक क्रांतिकारी दृष्टिकोण है। क्वालिटी एजुकेशन क्यों महत्त्वपूर्ण है? हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि तकनीकी कैसे शिक्षा का चेहरा बदल रही है। न केवल शिक्षा प्राप्त करने का तरीका बदल गया है बल्कि छात्रों को पढ़ाने के तरीकों का भी विकास हुआ है।
पहले शिक्षा एकतरफा ज्यादा थी, लेकिन आजकल शिक्षक छात्रों को कक्षाओं में सूचना के दोतरफा प्रवाह को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर कई समस्याओं की पहचान की है, जिनका अगर समाधान नहीं किया गया तो गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे मुद्दों से निपटने के लिए नेताओं और अनुभवी पेशेवरों की जरूरत बढ़ गई है जो अपने-अपने क्षेत्रों में माहिर हों। छात्रों के बीच प्रभावपूर्ण नेतृत्व और शक्ति को प्रोत्साहित करने के लिए शिक्षण प्रथाओं के एक परिष्कृत तरीके को ढूंढना जरूरी हो गया है। लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के युग में, दुनिया में कहीं से भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। भले ही क्वालिटी एजुकेशन प्रदान करने के लिए एक छात्र के व्यक्तित्व को आकार देने के लिए बहुत प्रयासों की आवश्यकता होती है, लेकिन नई तकनीकों के आगमन के साथ, कोई छात्र आवश्यक संसाधनों से बस एक क्लिक दूर होता है। एक शैक्षणिक संस्थान से सैकड़ों मील दूर बैठे हुए, छात्र संस्थान से ऑनलाइन कक्षाएं ले सकते हैं, ऑनलाइन करियर परामर्श का लाभ उठा सकते हैं और नि:शुल्क ऑनलाइन पुस्तकालयों से संसाधनों का भरपूर उपयोग कर सकते हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का उद्देश्य हासिल करना देश के लिए नितांत जरूरी हो गया है। अपराधों की बढ़ती संख्या, युद्ध, बीमारी का प्रकोप, भारी आर्थिक मंदी, जलवायु परिवर्तन और कई अन्य कारकों ने दुनिया भर के समाजों में अप्रत्याशित परिवर्तन किए हैं। इसके कारण दुनिया भर के शिक्षाविद और विकासात्मक संगठन क्वालिटी एजुकेशन और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लोगों को एकजुट करने की जरूरत पर जोर दे रहे हैं।
हम अपने समुदाय के लोगों के एक छोटे समूह को शिक्षित करने से लेकर बड़े वैश्विक मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने तक, शिक्षित लोग इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कई तरह से काम कर सकते हैं। नई विधियों के निर्माण के अलावा, शिक्षा में ड्रामा और आर्ट के उपयोग के परंपरागत तरीके भी अच्छे परिणाम दे सकते हैं और शैक्षिक प्रक्रिया को समृद्ध बनाने में मदद कर सकते हैं। राज्य सरकारें इसके लिए पहल करें कि क्वालिटी एजुकेशन के लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित हो तथा प्रभावी ढंग से सीखने के लिए लड़कियों और लडक़ों के लिए मुफ्त प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की व्यवस्था हो। हम सुनिश्चित करें कि लड़कियों और लडक़ों दोनों की गुणवत्तापूर्ण शुरुआती विकास और पूर्व-प्राथमिक शिक्षा तक पहुंच हो। सस्ती और गुणवत्तापूर्ण तकनीकी, व्यावसायिक और तृतीयक शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित करना जरूरी है। याद रहे कि शिक्षा एक ऐसा वरदान है, अगर यह मिल जाए तो जिंदगी संवर जाती है। शिक्षा हमें अन्य जीवित प्राणियों से अलग दर्शाती है। यह मनुष्य को पृथ्वी का सबसे बुद्धिमान और चतुर प्राणी बनाती है। यह मनुष्यों को सक्षम बनाती है और उन्हें जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करती है। लेकिन यह तभी संभव होगा जब शिक्षा गुणों की कसौटी पर खरी उतरती हो।
डा. वरिंद्र भाटिया
कालेज प्रिंसीपल
hellobhatiaji@gmail.com
By: divyahimachal