बंगाल में हिंसा बंद हो

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राजनीतिक हिंसा का मामला तूल पकड़ गया है

Update: 2021-05-05 14:11 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेसक  | पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राजनीतिक हिंसा का मामला तूल पकड़ गया है, जिसमें अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर और राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ से बात की है। धनखड़ ने एक ट्वीट करके बताया कि प्रधानमंत्री ने 'राज्य में कानून-व्यवस्था की चिंताजनक हालत पर क्षोभ जताया है।' उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी एक ट्वीट टैग करते हुए लिखा है, 'राज्य में जारी हिंसा, लूटपाट और हत्याओं पर मैं अपनी गंभीर चिंता आपसे साझा करता हूं।' केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी बंगाल में राजनीतिक हिंसा पर रिपोर्ट मांगी है और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी वहां हिंसा से पीड़ित पार्टी कार्यकर्ताओं के परिजनों से मिलने पहुंच गए हैं। पश्चिम बंगाल के साथ ही अन्य तीन राज्यों और एक केंद्र शासित क्षेत्र में भी चुनाव नतीजे घोषित हुए। बंगाल को छोड़कर कहीं से भी हिंसा की खबरें नहीं आईं। चुनावों के दौरान हिंसा का मकसद आम तौर पर वोटिंग बिहेवियर को प्रभावित करना होता है।

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बंगाल में यह हिंसा राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा एक-दूसरे को सबक सिखाने की प्रवृत्ति के रूप में सामने आ रही है। ऐसा नहीं होना चाहिए। अभी तक राजनीतिक हिंसा के लिए दोनों पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं। इसे राजनीतिक रंग दे दिया गया है। ममता बनर्जी ने सोमवार को अपने समर्थकों से राजनीतिक हिंसा रोकने की अपील तो की, लेकिन लगे हाथ इसका दोष बीजेपी पर मढ़ दिया, जबकि जरूरत इसे रोकने की साझा अपील करने की है। दोनों ही दलों की ओर से यह पहल होनी चाहिए। उन्हें इस बारे में अपने समर्थकों को स्पष्ट संदेश देना चाहिए। इस बात को लेकर भी कोई शक नहीं होना चाहिए कि इसे रोकने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। ऐसा करके ममता अपनी प्रशासनिक कुशलता साबित करेंगी। यह भी याद रखना चाहिए कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा का लंबा इतिहास रहा है। ममता को अपने इस कार्यकाल में इस धब्बे को भी मिटाने की कोशिश करनी चाहिए। यह भी भूलना नहीं चाहिए कि राज्य में महामारी तेजी से फैल रही है। सरकार को अपनी पूरी ताकत इसे रोकने में लगानी चाहिए। खुद ममता बनर्जी कह चुकी हैं कि उनकी सरकार की प्राथमिकता कोरोना महामारी को काबू में करने की होगी, जो बिल्कुल ठीक है। वह सुनिश्चित करें कि राज्य सरकार अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल इसे रोकने में करे।


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