वैक्सीन ही भगायेगी 'कोरोना-भय'
संसद का सत्र चल रहा है और देश में कोरोना की तीसरी संभावित लहर के बारे में अलग – अलग खबरों के साथ भिन्न-भिन्न विचार व्यक्त किये जा रहे हैं,
संसद का सत्र चल रहा है और देश में कोरोना की तीसरी संभावित लहर के बारे में अलग – अलग खबरों के साथ भिन्न-भिन्न विचार व्यक्त किये जा रहे हैं, इसे देखते हुए देश के नये स्वास्थ्य मन्त्री को संसद के पटल पर ही सब प्रकार के भ्रमों को दूर करते हुए देशवासियों को उन तैयारियों के प्रति आश्वस्त करना चाहिए जो सरकार कर रही है। इस सन्दर्भ में सबसे बड़ी आशंका देश में सभी लोगों को कोरोना का टीका लगाये जाने के बारे में है। अभी तक रोजाना लगभग 40 लाख लोगों के टीके लग रहे हैं जिसके मद्देनजर कुल टीकायुक्त लोगों की संख्या 42 करोड़ के आसपास पहुंच चुकी है जबकि लक्ष्य दिसम्बर महीने के अंत तक सभी 94 करोड़ वयस्कों को दो बार टीका लगाने का है। फिलहाल केवल आठ प्रतिशत लोगों का ही सम्पूर्ण टीकाकरण हो पाया है। यह सर्वविदित है कि कोरोना से बचाव का एकमात्र प्रमुख तरीका केवल कोरोना वैक्सीन ही है। बाकी जो अन्य तरीके हैं वे केवल संक्रमण में अवरोध पैदा करने के लिए ही हैं। जैसे कि मास्क लगाना या एक-दूसरे से जमीनी दूरी बनाये रखना। ये तरीके सम्पूर्ण टीकाकरण के बाद भी तब तक अपनाना जरूरी समझा जा रहा है जब तक कि कोरोना संक्रमण पूरी तरह खत्म ही न हो जाये। टीकाकरण का पूरा खाका संसद में रखा जाना इसलिए भी आवश्यक है जिससे लोगों का न केवल सामाजिक जीवन एहतियाती कदम उठाते हुए पटरी पर आये बल्कि आर्थिक गतिविधियां भी पुराने ढांचे में वापस लौट सकें। संक्रमण के चलते सबसे बड़ा धक्का देश की अर्थव्यवस्था को ही लगा है जिसकी वजह से रोजगार धंधे सिसक रहे हैं और बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। इसके समानान्तर ही जिस तरह महंगाई बढ़ी है और कोरोना काल में लोगों की आमदनी घटी है उससे उनका जीवन कष्टप्रद होता जा रहा है।