टीकाकरण की आखिरी चिंता
देश की 69 फीसदी से अधिक वयस्क आबादी को कोरोना टीके की एक खुराक दी जा चुकी है
Divyahimachal देश की 69 फीसदी से अधिक वयस्क आबादी को कोरोना टीके की एक खुराक दी जा चुकी है, जबकि 25 फीसदी से ज्यादा वयस्कों ने दोनों खुराकें ले ली हैं। टीकाकरण अभियान 90 करोड़ को पार कर चुका है। यकीनन यह अनपेक्षित और अविश्वसनीय लगता है। लक्ष्य बेहद करीब लग रहा है, लेकिन टीकाकरण का यह अंतिम चरण ही बेहद नाजुक और महत्त्वपूर्ण है। कोरोना वायरस के खिलाफ भारत ने कई मोर्चे जीते हैं। टीकाकरण अभियान की व्यापकता और विशालता अपने आप में कीर्तिमान है। भारत सरकार का 31 दिसंबर, 2021 तक का जो लक्ष्य है, वह अब दूर नहीं है। फिर भी आगामी तीन माह बेहद संवेदनशील हैं। करीब 100 करोड़ खुराकें और दी जानी हैं। औसतन एक करोड़ खुराक हररोज दी जानी चाहिए। उसके बाद कोरोना प्रतिरोधक क्षमता के संदर्भ में भारत को सुरक्षित कवच के दायरे में आंका जा सकता है। वैसे सितंबर माह के दौरान औसतन 76 लाख खुराकें रोज़ाना दी गई हैं। यह आंकड़ा जुलाई माह से काफी बेहतर रहा है, क्योंकि इस दौरान का औसत टीकाकरण 45 लाख खुराक प्रतिदिन था। यह डाटा भी महामारी के दौर में हमें आश्वस्त करता है कि देश के छह राज्यों और संघशासित क्षेत्रों-हिमाचल प्रदेश, लक्षद्वीप, अंडेमान निकोबार, चंडीगढ़ और सिक्किम-में 100 फीसदी लोगों को कमोबेश टीके की एक खुराक दी जा चुकी है।