सचेत रहने का समय: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अब उतार पर, लेकिन खतरा टला नहीं, सतर्कता बरतना अनिवार्य
कोरोना से संक्रमित होने वालों की संख्या में गिरावट और संक्रमण के नए मामलों की तुलना में स्वस्थ होने वालों की ज्यादा तादाद यह बताती है
भूपेंद्र सिंह | कोरोना से संक्रमित होने वालों की संख्या में गिरावट और संक्रमण के नए मामलों की तुलना में स्वस्थ होने वालों की ज्यादा तादाद यह बताती है कि संक्रमण की दूसरी लहर अब उतार पर है। इसे लेकर इसलिए निश्चिंत हुआ जा सकता है, क्योंकि हर दिन कोरोना टेस्ट बढ़ाए जा रहे हैं। अब इसके भी आसार नजर आ रहे हैं कि जिन राज्यों में लॉकडाउन अथवा कोरोना कर्फ्यू लागू है, वहां 1 जून से रियायत देने का सिलसिला कायम हो सकता है। ऐसा होना भी चाहिए, क्योंकि लोगों की जान बचाने के साथ आजीविका के साधनों को भी सहारा देने की जरूरत है। राज्य सरकारों को लॉकडाउन और कोरोना कर्फ्यू में ढील देने के साथ ही इसकी भी चिंता करनी चाहिए कि आर्थिक-व्यापारिक गतिविधियां तेजी के साथ आगे कैसे बढ़ें? इसकी चिंता करते समय इस पर भी ध्यान देना होगा कि हर तरह का कामकाज पहले जैसी गति कैसे पकड़े और इसकी भी कि लोग संक्रमण से बचे रहने के लिए आवश्यक सावधानी का परिचय देते रहें। कार्यालयों से लेकर कारखानों तक में भीड़ कम करने के लिए जिसे संभव हो, उसे वर्क फ्राम होम की सुविधा देने में उत्साह दिखाया जाना चाहिए। इसके साथ लोगों को यह संदेश बार-बार देना होगा कि मास्क का इस्तेमाल, शारीरिक दूरी का पालन और अपनी सेहत को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतना अनिवार्य है।