पड़ोसी देशों को दी जा रही कोरोना वैक्सीन, अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुनाई देने लगी गूंज

भारत की ओर से पड़ोसी देशों के साथ अन्य अनेक देशों को महामारी |

Update: 2021-01-24 01:56 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| भारत की ओर से पड़ोसी देशों के साथ अन्य अनेक देशों को महामारी कोविड़-19 रोधी वैक्सीन देने का जो सिलसिला कायम किया गया, उसकी गूंज यदि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुनाई देने लगी है तो यह सहज-स्वाभाविक ही है। भारत यह काम अपने उस स्वभाव और धर्म के अनुरूप कर रहा है, जो समस्त वसुधा को एक परिवार के रूप में देखता है और जिसके अनुसार संकट से घिरे लोगों की मदद करना मानवता की सबसे बड़ी सेवा है। भारत यह काम पहले भी करता रहा है, लेकिन इस बार वह कोरोना वैक्सीन के आकांक्षी हर देश की अपेक्षा कहीं अधिक तत्परता से पूरी कर रहा है। इस तत्परता की मिसाल मिलना मुश्किल है। विभिन्न देशों को मुफ्त अथवा अनुदान सहायता के रूप में वैक्सीन की खेप भेज कर भारत केवल दुनिया को मैत्री का संदेश ही नहीं दे रहा है, बल्कि अपनी साम‌र्थ्य का भी परिचय दे रहा है। यह इसलिए और उल्लेखनीय है, क्योंकि यह काम एक ऐसे समय किया जा रहा है, जब खुद भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण चालू है। भारत ने दुनिया की मदद करने का जज्बा कोरोना संकट के प्रारंभिक दौर में भी दिखाया था। तब उसने दुनिया के तमाम देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन नामक दवा भेजी थी। कोरोना के उपचार में उपयोगी समझी जाने वाली इस दवा की आपूíत के बाद भारत अब जिस तरह वैक्सीन की खेप भेजने में लगा हुआ है, उससे दुनिया की फार्मेसी के रूप में देश की पहचान और पुख्ता होगी।

इसकी भी अनदेखी नही की जा सकती कि कई देश चीन के मुकाबले भारत में बनी हुई वैक्सीन को प्राथमिकता दे रहे हैं। माना जा रहा है कि ऐसे देशों की संख्या तेजी से बढ़ेगी और शीघ्र ही अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के देशों में भी हमारी वैक्सीन पहुंच जाएगी। वैक्सीन आपूíत के माध्यम से भारत यह संदेश देने में भी समर्थ हो रहा है कि वैश्विक समस्याओं से तभी पार पाया जा सकता है, जब विभिन्न देश एक-दूसरे की मदद करने के लिए तत्पर रहें। मदद का यही भाव बेहतर दुनिया के लक्ष्य को हासिल करने में मददगार बनेगा। इस पर आश्चर्य नहीं कि भारत की ओर से विभिन्न देशों को वैक्सीन भेजने में जो तत्परता दिखाई जा रही है, उसे कूटनीतिक मोर्चे पर वैक्सीन मैत्री के तौर पर रेखांकित किया जा रहा है। निश्चित तौर पर मोदी सरकार के मैत्री भाव से भरे इस कदम से दुनिया में भारत की साख बढ़ेगी और इसका देश को किसी न किसी रूप में कूटनीतिक लाभ भी मिलेगा। स्पष्ट है कि जब ऐसा होगा तो भारत का अंतरराष्ट्रीय कद और बढ़ेगा। इससे नए भारत के निर्माण का लक्ष्य आसान होगा।



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