एकता का आधार
कहावत है- एकता में बल होता है। इस कहावत को राजनीतिक दल कई बार चरितार्थ कर चुके हैं।
कहावत है- एकता में बल होता है। इस कहावत को राजनीतिक दल कई बार चरितार्थ कर चुके हैं। एक बार फिर करना चाहते हैं। इसी मकसद से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी। उसमें उन्नीस दल शामिल हुए। सोनिया गांधी ने सबसे अपील की कि भाजपा को हराने के लिए वे अपने सारे मतभेद भुला कर अगले आम चुनाव में साथ खड़ें हों। शुरुआती तौर पर उनकी इस अपील पर सबमें सहमति बनती नजर आई। हालांकि आम चुनाव में अभी काफी वक्त है और राजनीति में समय कब क्या करवट लेता है, किसी को नहीं पता। पर मानसून सत्र में जिस तरह सभी विपक्षी दलों ने एका दिखाया और पेगासस जासूसी मामले, किसानों की समस्याएं, महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की, उससे जनता में गंभीर संदेश गया। सरकार भी उनकी एकजुटता से कुछ असहज नजर आई। इस एकजुटता से विपक्षी दलों में जैसे फिर से जान पड़ गई। उनमें चूंकि अभी सबसे बड़ी और ताकतवर पार्टी कांग्रेस है, इसलिए सभी विपक्षी दल उसी का हाथ पकड़ कर आगे बढ़ना चाहते हैं।