आतंकी मंसूबे

गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आतंकी वारदात की आशंका बढ़ जाती है। सीमा पार से प्रशिक्षित दहशतगर्द ऐसे मौकों पर भारतीय सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देने की ताक में रहते हैं।

Update: 2022-01-26 03:04 GMT

गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आतंकी वारदात की आशंका बढ़ जाती है। सीमा पार से प्रशिक्षित दहशतगर्द ऐसे मौकों पर भारतीय सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देने की ताक में रहते हैं। मगर सीमा पर हमारे सुरक्षाकर्मियों की मुस्तैदी की वजह से वे अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाते। सीमा सुरक्षाबल कश्मीर सीमांत के महानिरीक्षक ने खुलासा किया है कि इस समय करीब एक सौ पैंतीस आतंकी सीमा के विभिन्न ठिकानों पर घुसपैठ की फिराक में हैं।

इससे एक बार फिर यही साबित हुआ है कि पाकिस्तान सरकार चाहे जितना इनकार करे कि उसकी सीमा में आतंकी प्रशिक्षण शिविर नहीं चल रहे, पर हकीकत इसके उलट है। पिछले कुछ सालों में जिस तरह पाकिस्तानी सेना ने लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया, उससे भी साफ था कि उसने भारतीय सीमा में घुसपैठ कराने की कोशिश करती रही है। पिछले साल ऐसी अट्ठावन घटनाएं सामने आर्इं, जिनमें पाकिस्तानी सेना ने आतंकी घुसपैठ कराने की कोशिश की, जिसमें कई आतंकी मारे गए और कई भाग कर वापस चले गए। इसके अलावा ड्रोन से हमले की कोशिशें भी देखी गर्इं। भारत की तरफ से इन तमाम हरकतों के पुख्ता सबूत पाकिस्तान को सौंपे जा चुके हैं, पर वह सदा की तरह अपनी किसी भी जिम्मेदारी से इनकार करता रहा है।

दरअसल, कश्मीर घाटी में पाक समर्थित आतंक का सिलसिला पिछले दो सालों में इसलिए भी बढ़ गया है कि केंद्र ने उसका विशेष दर्जा समाप्त कर उसे केंद्र शासित प्रदेशों में विभक्त कर दिया। इस तरह पाकिस्तान का कश्मीर पर दावा फुस्स हो गया। इसके अलावा घाटी में सक्रिय अलगाववादी संगठनों और दहशतगर्दों को वित्तीय मदद पहुंचाने वाली संस्थाओं, व्यक्तियों पर भी अंकुश लगाया गया, घर-घर तलाशी अभियान चलाया गया, जिससे आतंकी संगठनों की मुश्किलें काफी बढ़ गर्इं। इसकी भी बौखलाहट उनमें है।


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