तूफान और तैयारियां
पिछले सप्ताह तौकते की तबाही झेलने के बाद अब देश एक अन्य चक्रवाती तूफान यास का सामना कर रहा है।
पिछले सप्ताह तौकते की तबाही झेलने के बाद अब देश एक अन्य चक्रवाती तूफान यास का सामना कर रहा है। तौकते का सबसे तीखा असर महाराष्ट्र और गुजरात में देखने को मिला था, यास का ज्यादा प्रभाव ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटवर्ती इलाकों में है। हालांकि तूफान के नुकसानों का ब्योरा आने में कुछ वक्त लगेगा, लेकिन मौसम विभाग का दावा है कि यास कमजोर पड़ रहा है और तत्काल किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है। इसकी एक वजह यह भी है कि तूफान की शक्ति और इसके प्रभाव क्षेत्र की जानकारी मिल जाने की वजह से जरूरी तैयारियां पहले ही कर ली गई थीं। जानकार बताते हैं कि कम से कम तूफान के मामले में हमारी तैयारियां धीरे-धीरे बेहतर होती जा रही हैं। हर तूफान के अनुभव का फायदा अगले तूफान से बचाव की तैयारियों में होता है। इस बार भी समय रहते तटवर्ती इलाकों के कच्चे घरों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था। पश्चिम बंगाल ही नहीं तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, अंडमान निकोबार में भी एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई थीं। यहां तक कि झारखंड में भी टीम भेजने की तैयारी थी क्योंकि मिली सूचनाओं के मुताबिक ऐसी संभावना थी कि जमशेदपुर और रांची में भी तूफान का असर हो सकता है। हालांकि तमाम तैयारियों के बावजूद ऐसे तूफान नुकसान तो पहुंचाते ही हैं।