हिमाचल के आउटसोर्स कम्प्यूटर शिक्षकों को नियमित करने या ‘समान काम समान वेतन’ देने की बात तो दूर, यहां तो वेतन में भारी कटौती कर सरकारों के आश्वासन में खोखलापन दिखाई देने लगा है। सरकार द्वारा वेतन कटौती करने को किसी भी सूरत में उचित नहीं ठहराया जा सकता है। यह शिक्षक भी तो पोस्टग्रेजुएट लेवल तक पढ़े-लिखे हैं और दशकों से उतना ही दायित्व निभा रहे हैं जितना दूसरे सेवारत कम्प्यूटर शिक्षक निभा रहे हैं, तो फिर सरकार का दोगला व्यवहार क्यों? कांग्रेस सरकार से इन शिक्षकों को नियमित होने की उम्मीद थी क्योंकि कुछ कांग्रेस के आला नेता शिक्षकों को आश्वासन देते दिखाई दे रहे थे। सरकार से अपेक्षा की जाती है कि वह इन शिक्षकों को नियमित करे या फिर ‘समान काम समान वेतन’ की नीति पर अमल करे।
-रूप सिंह नेगी, सोलन
By: divyahimachal