खेल-खिलाड़ी : भारतीय बैडमिंटन का नया लक्ष्य

ऐसे में, लक्ष्य के बारे में बताने का यही उपयुक्त समय है। (-पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी और कोच।)

Update: 2022-03-08 01:43 GMT

बैडमिंटन खिलाड़ियों का जो प्रतिनिधिमंडल तीन देशों के दौरे पर यूरोप जा रहा है, उसमें से इस बार राष्ट्र का ध्यान 20 वर्षीय कुमाऊंनी युवा लक्ष्य सेन पर होगा, जो प्रकाश पादुकोण और पुलेला गोपीचंद का अनुकरण करते हैं। गौरतलब है कि प्रकाश पादुकोण ने 1980 और पुलेला गोपीचंद ने 2000 में ऑल इंग्लैंड की प्रतिष्ठित ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था। लक्ष्य के मुख्य कोच विमल कुमार को, जिन्होंने साइना नेहवाल को नंबर एक रैंकिंग तक पहुंचाया था, विश्वास है कि लक्ष्य बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे।

विमल कहते हैं, 'लक्ष्य के पास तेज बैडमिंटन दिमाग है। वह जानते हैं कि कब स्ट्राइक करना है, कितना हमला करना है, कब पीछे हटना है और कब इंतजार करना है। उनके रक्षण में सभी स्तरों पर सुधार हुआ है और उनका आक्रमण तेज व मिश्रित है। अभी कोरियाई कोच यू यंग सू लक्ष्य को गति के मानक पर परख रहे हैं। दो बार के ओलंपिक पदक विजेता यू यंग सू को प्रकाश पादुकोण अकादमी ने 2024 के पेरिस ओलंपिक तक कोच बनाए रखने का फैसला किया है।
लक्ष्य के बारे में अच्छी बात यह है कि वह कभी नेट पर अपने प्रतिद्वंद्वी से डरते नहीं। लक्ष्य कहते हैं, 'मैंने दुनिया के मौजूदा नंबर एक विक्टर एक्सेलसन को छोड़कर दुनिया के सभी शीर्ष एकल खिलाड़ियों को हराया है। लेकिन मैं वहां पहुंच रहा हूं और अब मेरे पास उनकी सभी चालों का जवाब होना चाहिए।' विक्टर के खिलाफ चार मैचों में लक्ष्य को लगभग एकतरफा हार मिली। लक्ष्य आखिरी तक लड़ते हैं और कभी हार नहीं मानते।
पिछले साल विक्टर के खिलाफ एक मैच में स्कोर 12-21/4-13 था, लेकिन तयशुदा हार के बावजूद लक्ष्य ने अंत तक पूरी मेहनत से मुकाबला किया। ऐसे ही, शीर्ष चीनी खिलाड़ी झोउ पेंग के खिलाफ विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में झोउ को चकमा देते हुए लक्ष्य ने हार के जबड़े से जीत छीन ली। जनवरी में इंडिया ओपन के फाइनल में विश्व चैंपियन लोह कीन यू को दो मैचों में सीधे हराकर लक्ष्य ने अपने प्रदर्शन का स्तर ऊंचा कर लिया है। हालांकि विमल कुमार का कहना है कि हमें उस पर ज्यादा दबाव नहीं डालना चाहिए।
जर्मन ओपन लक्ष्य के लिए अभ्यास मैच जैसा होगा, क्योंकि इसमें सभी शीर्ष खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। लेकिन यदि वह विक्टर को हरा देते हैं, तो पूरे आत्मविश्वास के साथ बर्मिंघम में उतरेंगे। लक्ष्य के पास ऑल इंग्लैंड में पहले दो मैच मुश्किल हैं। उनके पास पहले दौर में हमवतन सौरभ वर्मा हैं, जबकि प्री क्वार्टर फाइनल में उनका मुकाबला तीसरी वरीयता प्राप्त एंटोनसेन या लोह कीन यू से होना चाहिए। मेरा मानना है कि इन्हें हराकर अगले राउंड में वह दो बार के विश्व चैंपियन केंटो मोमोटा से भिड़ेंगे।
यही वह जगह होगी, जहां उन्हें अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में होना होगा। मोमोटा के खिलाफ जीत का मतलब है फाइनल में विक्टर के साथ टकराव, जब पूरा देश वह मैच देखने टीवी से चिपककर बैठेगा। लंबे खिलाड़ी नेट प्ले में हमेशा कमजोर होते हैं और यही वह जगह है, जिस पर विमल कुमार, यंग सू और प्रकाश पादुकोण लक्ष्य का ध्यान सबसे अधिक केंद्रित करेंगे। संयोग से लक्ष्य आज नेट प्ले के मामले में दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं। ऑल इंग्लैंड में अच्छा प्रदर्शन उन्हें आगे बढ़ाएगा।
प्रकाश पादुकोण ने पिछले साल मुंबई में एक प्रेस वार्ता में कहा था कि आप हजार खिताब जीत सकते हैं, लेकिन अगर ऑल इंग्लैंड या विश्व चैंपियनशिप ट्रॉफी या ओलंपिक स्वर्ण या यहां तक कि एशियाई खेलों का खिताब आपके नाम नहीं है, तो आप एक महान चैंपियन नहीं हैं। लक्ष्य को एशियाई खेलों के साथ इस साल ऑल इंग्लैंड और वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी जगह मिली है। विश्व चैंपियन लोह कीन यू, पूर्व चैंपियन मोमोटा, शीर्ष चीनी शटलर झोउ पेंग, वर्तमान ऑल इंग्लैंड चैंपियन ली झी जिया और अन्य सभी शीर्ष खिलाड़ियों को हराकर लक्ष्य ने इतने कम उम्र में बड़े मंच पर अपने आगमन की घोषणा की है। ऐसे में, लक्ष्य के बारे में बताने का यही उपयुक्त समय है। (-पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी और कोच।)

सोर्स: अमर उजाला 


Tags:    

Similar News

हर पल अनमोल
-->