झुग्गियों ने किया देश व्यस्त
कई बार सोचता हूं देश का सबसे बड़ा मसला है क्या
कई बार सोचता हूं देश का सबसे बड़ा मसला है क्या। जाहिर है यह अहम मसलों से अलग होगा और सब पर भारी पड़ने वाला ही होगा। ऐसे में स्वीकार करना होगा कि सबसे बड़ा मसला देश को हर वक्त व्यस्त रखने का है। देश की व्यस्तता और उत्पादकता में भारी अंतर है। किसान देश के लिए उत्पादकता बढ़ा कर भी देश को व्यस्त नहीं रख सकता, जबकि जो मुफ्त मेें अनाज बांट दे, वह यह कारनामा कर सकता है। मैं देखता हूं कि जो लोग बीपीएल सूची में शामिल होने की कुव्वत रखते हैं, वे पूरे देश को व्यस्त रख पाते हैं। बीपीएल परिवारों के कारण अब तो सरकारों से लेकर त्योहारों तक सारी व्यवस्था व्यस्त हो रही है। जो लोग सार्वजनिक जमीन पर अतिक्रमण कर पाते हैं, उनके कारण ही कानून-व्यवस्था, कायदे-कानून और देश का पक्ष और विपक्ष व्यस्त हैं। जिस दिन से सरकारें मुफ्त में कुछ यूनिट बिजली बांटने की घोषणाएं कर रही हैं, उपभोक्ता इसी हिसाब में व्यस्त होकर यह नहीं सोच पा रहा कि उसके घर में कितने घंटे विद्युत आपूर्ति हो रही है। हम भारतीय दरअसल केवल व्यस्त होना ही जानते हैं। जरा नजर दौड़ाइए कि साल भर की रफ्तार से भी कहीं अधिक क्षण हमारी व्यस्तता के हैं।