रूस की असल समस्या
रूस इन दिनों राष्ट्रपति पुतिन विरोधी नेता अलेक्सी नवालनी की गिरफ्तारी की खबरों से दुनिया में चर्चा में है। लेकिन
रूस इन दिनों राष्ट्रपति पुतिन विरोधी नेता अलेक्सी नवालनी की गिरफ्तारी की खबरों से दुनिया में चर्चा में है। लेकिन रूस के अंदर से आने वाली खबरों पर गौर करें, तो यह साफ होता है कि रूस के लोग असल में इस बात से परेशान नहीं हैं कि नवालनी के साथ क्या हो रहा है। उनकी समस्या है बढ़ती गरीबी। दरअसल, इसके कारण पैदा हो रहा असंतोष भी एक कारण है, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग पुतिन विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे हैं। हकीकत यह है कि कोरोना वायरस महामारी ने रूस की खराब अर्थव्यवस्था का बुरा हाल कर दिया है। पश्चिमी देशों के प्रतिबंध, तेल की घटती कीमतें और कमजोर कारोबारी निवेश के चलते हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। बढ़ती गरीबी, घटती कमाई और महामारी के दौर में पर्याप्त सरकार से मदद ना मिलने की वजह से राष्ट्रपति पुतिन के लिए समर्थन घटा है। यही वजह है कि प्रचंड बहुमत के साथ दो दशकों से रूस की सत्ता पर पुतिन के विरोधी मजबूत हो रहे हैं। बदहाली का आलम यह है कि रूस की मुद्रा बीते करीब आधे दशक में 3.5 फीसदी सिकुड़ चुकी है। इससे खाने-पीने की चीजों के दाम बहुत बढ़ गए हैं।