छत ढही और इज्जत भी
गाजियाबाद के मुरादनगर श्मशान घाट में छत गिरने से 25 लोगों से ज्यादा की मौत हो गई
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गाजियाबाद के मुरादनगर श्मशान घाट में छत गिरने से 25 लोगों से ज्यादा की मौत हो गई और लगभग सौ लोग बुरी तरह से घायल हो गए। यह छत कोई 100-150 साल पुरानी नहीं थी। यह अंग्रेजों की बनाई हुई नहीं थी। इसे बने हुए अभी सिर्फ दो महिने हुए थे। यह नई छत थी, कोई पुराना पुल नहीं, जिस पर बहुत भारी टैंक चले हों और जिनके कारण वह बैठ गई हो। इतने लोगों का मरना, एक साथ मरना और श्मशान घाट में मरना मेरी याद में यह ऐसी पहली दुर्घटना है। सारी दुनिया में शवों को श्मशान या कब्रिस्तान ले जाया जाता है लेकिन मुरादनगर के श्मशान से ये शव घर लाए गए। सारी दुर्घटना कितनी रोंगटे खड़े करने वाली थी, इसका अंदाज हमारे टीवी चैनलों और अखबारों से लगाया जा सकता है। जिस व्यक्ति की अंत्येष्टि के लिए लोग श्मशान में जुटे थे, उसका पुत्र भी दब गया।