देश के लिए समस्या बने रोहिंग्या, जम्मू में बड़ी संख्या में इनका बसना किसी गहरी साजिश का है संकेत
बेहतर हो कि विदेशी मीडिया के ये लोग अपने देशों की सरकारों से रोहिंग्या को अपने यहां शरण देने की मुहिम छेड़ें।
जम्मू में अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्या की धरपकड़ के बाद उन्हें आधार कार्ड, राशन कार्ड आदि उपलब्ध कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी समय की मांग है। इस कार्रवाई के साथ यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भविष्य में वैध-अवैध रूप से देश आया कोई विदेशी नागरिक आधार कार्ड, राशन कार्ड आदि से लैस न होने पाए। यह इसलिए जरूरी है, क्योंकि बांग्लादेश के भी कई ऐसे लोग पकड़े जा चुके हैं, जिन्होंने आधार कार्ड हासिल कर लिए थे। कुछ तो ऐसे भी निकले, जो पासपोर्ट हासिल करने में समर्थ रहे।
नि:संदेह यह किसी साजिश का हिस्सा ही लगता है कि बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ करने वाले रोहिंग्या देश के दूसरे छोर जम्मू पहुंच गए। वे बिना किसी बाधा जम्मू पहुंचे ही नहीं, वहां आश्रय पाने में भी सफल रहे। आबादी के संतुलन को बनाए रखने की चुनौती का सामना कर रहे जम्मू में बड़ी संख्या में रोहिंग्या का बसना किसी गहरी साजिश की ओर ही संकेत करता है।
यह संकेत तब और स्पष्ट हो जाता है, जब कई लोग अवैध तरीके से यहां आ बसे रोहिंग्या की तरफदारी करने के लिए आगे आ जाते हैं। इनमें से कुछ सुप्रीम कोर्ट पहुंचकर यह माहौल बनाने में जुट गए हैं कि रोहिंग्या को वापस म्यांमार भेजने से रोका जाना चाहिए। कुछ ऐसी ही अपेक्षा विदेशी मीडिया का भी एक हिस्सा कर रहा है। बेहतर हो कि विदेशी मीडिया के ये लोग अपने देशों की सरकारों से रोहिंग्या को अपने यहां शरण देने की मुहिम छेड़ें।