गंभीर हुई शरणार्थी समस्या
इस साल 2019 की तुलना में और अधिक लोगों को पलायन करने के लिए मजबूर किया गया।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जब अपनी समाप्ति की तरफ बढ़ रहा है, तब ये चिंताजनक तथ्य सामने आया है कि इस साल 2019 की तुलना में और अधिक लोगों को पलायन करने के लिए मजबूर किया गया। इस वर्ष विस्थापित हो कर जीने वाले लोगों की संख्या आठ करोड़ को पार कर गई है। 2019 के अंत तक सात करोड़ 95 लाख लोग विस्थापित हो चुके थे। उनमें करीब तीन करोड़ शरणार्थी शामिल थे। यह विश्व आबादी का लगभग एक फीसदी हिस्सा है। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) के आंकड़ों से ये जानकारी मिली है। युद्ध, यातना, संघर्ष और हिंसा से बचने के लिए लोग जान बचाकर घर छोड़ कर भागते हैं। उन्हें अक्सर शिविरों में बहुत ही कठिन भरी जिंदगी बितानी पड़ती है। इसी साल मार्च महीने में संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने कोरोना महामारी के बीच दुनिया भर में युद्ध विराम की अपील की थी। लेकिन उनकी बात पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।