पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर का दौरा करके साधे एक तीर से कई निशाने

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) मिशन कश्मीर पर जुट गए हैं

Update: 2022-04-25 08:55 GMT

यूसुफ़ अंसारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) मिशन कश्मीर पर जुट गए हैं. पंचायती राज दिवस के मौके पर उन्होंने जम्मू और कश्मीर (Jammu Kashmir) के बीच दूरी कम करने वाली काजीगुंड-बनिहाल टनल का उद्घाटन. साथ ही 20,000 करोड़ से ज्यादा की विकास परियोजनाओं की सौगात देकर जम्मू कश्मीर के लोगों का दिल जीतने की कोशिश की है. इसे कश्मीर और दिल्ली के बीच 'दिलों की दूरी' कम करने शुरुआत माना जा रहा है. इस मौक़े पर पीएम ने को साथ ही जम्मू-कश्मीर के नौजवानों को भरोसा दिलाया है कि जैसी जिंदगी उनके मां-बाप और उनके बाप दादा ने गुजारी है वैसे जिंदगी उन्हें नहीं गुजारने देंगे.
जम्मू कश्मीर के लोगों को मुख्यधारा में शामिल करने की कोशिश
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 35ए और 370 ( Article 370) हटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह पहला दौरा रहा. इसके जरिए उन्होंने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है. जम्मू कश्मीर के लोगों से सीधे संवाद स्थापित करके उन्हें देश के समग्र विकास का हिस्सा बनाने और उनका भविष्य संवारने की गारंटी देकर मुख्यधारा में शामिल करने की कोशिश की है. पीएम मोदी ने लोगों को भरोसा दिलाया कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद यहां विकास के हर क्षेत्र में तेजी आई है. उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार की योजनाएं अब यहां तेजी से लागू हो रही है जिसका सीधा फायदा जम्मू कश्मीर के गांवों को हो रहा है. बिजली कनेक्शन हो, या पानी का कनेक्शन हो, या फिर स्वच्छ भारत अभियान के तहत टॉयलेट हों, सभी योजनाओं का फायदा जम्मू कश्मीर को मिल रहा है. आने वाले कुछ ही वर्षों में जम्मू कश्मीर भी बाकी देश के साथ विकास की नई इबारत लिखेगा.
राजनीतिक हलकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को जम्मू कश्मीर में आने वाले दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने कश्मीर में विकास योजनाओं के सहारे आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जीत दिलाने की आधारशिला रखने की कोशिश है. बहुत जल्द जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने हैं. फिलहाल जम्मू कश्मीर में विधानसभा सीटों के परिसीमन का काम चल रहा है. ख़बर है कि जम्मू संभाग में सीटों की संख्या पहले के मुकाबले बढ़ सकती है. बीजेपी की रणनीति जम्मू में सभी सीटें जीतकर जम्मू-कश्मीर में भी अपना मुख्यमंत्री बनाने की है. हाल के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने जन कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को वोट बैंक में तब्दील करके भारी बहुमत से दोबारा सरकार बनाई है. बीजेपी जम्मू में भी जन कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने करके अपने माहौल बनाने की कोशिश कर रही है.
जम्मू कश्मीर के विकास की नई गाथा का सपना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शायद चुनाव को ध्यान में रखते ही जम्मू-कश्मीर के लोगों को विकास की नई गाथा लिखने का सपना दिखाया है. उन्होंने ये दावा भी किया कि दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के बीच अब फाइलों के आने जाने की रफ्तार बढ़ गई है.
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत काल यानी आने वाले 25 वर्षों में नया जम्मू कश्मीर विकास की नई गाथा लिखेगा. आजादी के 7 दशकों के दौरान जम्मू कश्मीर में मात्र 17,000 करोड़ रुपये का ही प्राइवेट इन्वेस्टमेंट हो पाया था. पिछले 2 साल में ये आंकड़ा 38,000 करोड़ रुपये पहुंचा है. पीएम मोदी ने कहा कि कभी दिल्ली से एक सरकारी फाइल चलती थी, तो जम्मू कश्मीर पहुंचते-पहुंचते 2-3 हफ्ते लग जाते थे. मुझे खुशी है कि आज 500 किलो वॉट का सोलर पावर प्लांट सिर्फ 3 हफ्ते के अंदर यहां लागू हो जाता है, बिजली पैदा करना शुरू कर देता है.
आतंकियों और पाकिस्तान को कड़ा संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इस दौरे से जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों और सीमा पार बैठे उनके हुक्मरानों को कड़ा संदेश दे दिया है. पीएम ने साफ कर दिया गया कि आतंकी घटनाओं के डर से जम्मू-कश्मीर का विकास नहीं रोका जाएगा. उनकी धमकियों को तवज्जो नहीं देते हुए सीधे जम्मू-कश्मीर की जनता से संवाद स्थापित किया जाएगा. यहां ये याद रखना ज़रूरी है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी सिर्फ़ एक बार छोड़कर वे लगातार पंचायती राज के कार्यक्रम में हिस्सा लेते रहे हैं. इस बार जम्मू-कश्मीर में इसके आयोजन की वजह से ये ख़ास हो गया. इस मंच का इस्तेमाल पीएम ने जम्मू-कश्मीर की जनता में भरोसा जताने के लिए किया. पीएम मोदी ने भी अपने इस कार्यक्रम को लेकर एक ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा है कि 24 अप्रैल को हम राष्ट्रीय पंचायत राज दिवस मनाने जा रहे हैं. मैं जम्मू कश्मीर के दौरे पर आ रहा हूं और वहां पर देश की सभी ग्राम सभा को संबोधित करने जा रहा हूं. 20 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का मैं लोकार्पण और शिलान्यास भी करने जा रहा हूं.
आतंकियों ने की थी दौरा रद्द कराने की कोशिश
प्रधानमंत्री के इस दौरे को रद्द कराने के मकसद से आतंकवादियों ने गड़बड़ी करने की कोशिश की लेकिन मुस्तैद पुलिस सुरक्षाकर्मियों ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया. दो दिन पहले जम्मू के सुजवां मिलिट्री स्टेशन के पास सुजवां में आतंकी हमला हुआ था. डीजीपी दिलबाग सिंह ने इसे पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले गड़बड़ी फैलाने की साजिश बताया था. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पीएम नरेंद्र मोदी की विजिट से पहले गड़बड़ी करने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया था. आतंकियों ने सीआईएसएफ की बस पर हमला कर दिया था, जिसमें एक जवान की मौत हो गई थी, जबकि 11 लोग घायल हो गए. इसके बाद सुरक्षा बलों की ओर से तत्काल एक्शन लिया गया और दोनों हमलावर आतंकियों को घेर कर मारा गया. पीएम मोदी के दौरे से पहले इस हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं.
सरपंचों पर हमला, मोदी ने बढ़ाया भरोसा
पीएम मोदी के इस दौरे से जम्मू-कश्मीर के सरपंचों का अपनी सुरक्षा को लेकर विश्वास बढ़ेगा. हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में सरपंचों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है. पंचायत के दूसरे सदस्यों को भी आतंकी अपनी गोलियों का शिकार बना रहे हैं. इस वजह से उनके इस दौरे के मायने इसलिए भी ज्यादा बढ़ गए हैं. क्योंकि ऐसे में अब पंचायत सदस्यों में फिर सुरक्षा का भाव पैदा हो सकेगा. उन्हें इस बात का अहसास होगा कि सरकार उनकी सुरक्षा को लेकर खासी चिंतित है. पीएम मोदी का ये दौरा उस विश्वास को बढ़ाने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है. ग़ौरतलब है कि जिस सांबा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम हुआ है, वो इलाका पाकिस्तान सीमा से ज्यादा दूर नहीं है. ऐसे में पीएम के वहां से दिए गए संदेश से पूरे पाकिस्तन में भी सियासी हलचल हो सकती है
माहौल बिगाड़ने का प्रयास, मोदी बदलेंगे नरेटिव?
ग़ौरतलब है कि पाकिस्तान की शह पर जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों ने हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले करके माहौल बिगाड़ने की कोशिश की है. इस वजह से पीएम का ये दौरा काफी अहम माना जा रहा था. दरअसल मोदी सरकार लगातार जोर देकर कह रही है कि 370 हटने के बाद से घाटी का माहौल बदला है. आतंकी घटनाएं कम हुई हैं. सरकार के इसी दावे को कमजोर करने के लिए पाकिस्तान से आए आतंकी माहौल खराब करने की भरसक कोशिश कर रहे हैं. सरकार को लगातार ये चिंता है कि कहीं आतंकियों की कोशिश पर पीएम मोदी की पहल पर शुरू की गईं विकास परियोजनाएं भारी न पड़ जाएं. इसी लिए पीएम मोदी ने खुद सामने आकर जम्मू-कश्मीर के लोगों और वहां तैनात सुरक्षा बलो का भरोसा बढ़ाने की कोशिश की है. इससे आतंकियों का मौहैल ख़राब करने की कोशिशों को झटका लगेगा.
कश्मीर क्यों नहीं गए मोदी?
ये सवाल उठ रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दौरे को सिर्फ़ जम्मू तक ही क्यों सीमित रखा. वो कश्मीर घाटी क्यों नहीं गए? हालांकि दौरा तय होने के साथ ही कयास लगाए जाने लगे थे कि वह कश्मीर का भी दौरा करेंगे और किसी बड़ी राजनीतिक रियायत की घोषणा करेंगे. लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय ने पिछले हफ्ते ही साफ़ कर दिया था कि मोदी का दौरा जम्मू तक ही सीमित रहेगा. जम्मू के बीजेपी नेताओं कतो उम्मीद थी कि मोदी घाटी भी ज़रूर आएंगे. क्योंकि मोदी जम्मू-कश्मीर को पूरे देश में विकास और समृद्धि का मॉडल बनाना चाहते हैं. लिहाज़ा कश्मीर घाटी से इस संदेश को ज्यादा असरदार तरीके से दिया जा सकता था. लेकिन उनकी ये तमन्ना पूरी नहीं हो सकी. हो सकता है कि अगले कुछ दिनों में पीएम मोदी कश्मीर घाटी का भी ऐसे ही कोई दौरा करें.
प्रशासन की कार्यकुशलता बढ़ी है
पीएम मोदी ने अपने जम्मू दौरे पर एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है. इससे जम्मू-कश्मीर के लोगों से सीधा संवाद करके उन्हें 370 हटने के बाद हुए बदलाव के बारे में सामने से बताने का मौका मिला है. बता दें कि राज्य में आतंकी संगठनों और भ्रष्टाचार के खिलाफ हुई कार्रवाई ने अलगाववादी तत्वों की कमर तोड़ डाली है. चाहे हुर्रियत से जुड़े अलगाववादी नेता हों, या फिर बड़े आतंकी, सबको प्रदेश के बाहर की जेलों में भेजा गया है. अकेले तिहाड़ में ही यासीन मलिक से लेकर सज्जाद शाह और मशरत आलम जैसे बड़े अलगाववादी अपनी एड़ियां घिस रहे हैं, जिन्होंने खुद जम्मू-कश्मीर को आतंक की आग में धकेलने में बड़ी भूमिका निभाई थी. इनको मिल रही आर्थिक मदद के हवाला नेटवर्क को ध्वस्त किया गया है. रौशनी एक्ट से लेकर जम्मू-कश्मीर बैंक से जुड़े घोटालों में असरदार कार्रवाई हुई है. प्रशासन के अंदर घुसे आतंकवादियों के रिश्तेदारों और मददगारों को बाहर किया गया है. इन सबकी वजह से प्रशासन की कार्यकुशलता बढ़ी है.
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