पहाड़ी गांधी बाबा कांशी राम…
नमन जिसको कर रहा/हिमालय का अभिमान भी/गीत जिसकी वीरता के/गूंजती शाश्वत नदियां रही/पहचान जिसकी भूले सभी/न कुर्बानियां ही याद थी/गुमनामियों के सफर में/वो लौ सदा जगती गई/बालपन में झोंक खुद को/स्वतंत्रता के यज्ञ में/झेलता गया प्रतिक्षण/क्रूरता के आक्षेप को/श्याम वस्त्र परिधान का/जीवन पर्यन्त निर्वाह किया/श्याम मृतचेल ओढ़े/अग्नि को समर्पण हुआ/अलौकिक हो ज्योति पुंज/ब्रह्मांड में विलीन हुआ/अल्प शब्दों में कह आनंद/बुलबुला बन चमक रहा/पहाड़ की पावन धरा पर/पहाड़ी गांधी बाबा/अमर हुआ/विषमताओं को पछाड़ा/कर्ज मिट्टी का चुकाया/जान अर्पण देश पर/बुलबुला वो सो गया
नमन जिसको कर रहा/हिमालय का अभिमान भी/गीत जिसकी वीरता के/गूंजती शाश्वत नदियां रही/पहचान जिसकी भूले सभी/न कुर्बानियां ही याद थी/गुमनामियों के सफर में/वो लौ सदा जगती गई/बालपन में झोंक खुद को/स्वतंत्रता के यज्ञ में/झेलता गया प्रतिक्षण/क्रूरता के आक्षेप को/श्याम वस्त्र परिधान का/जीवन पर्यन्त निर्वाह किया/श्याम मृतचेल ओढ़े/अग्नि को समर्पण हुआ/अलौकिक हो ज्योति पुंज/ब्रह्मांड में विलीन हुआ/अल्प शब्दों में कह आनंद/बुलबुला बन चमक रहा/पहाड़ की पावन धरा पर/पहाड़ी गांधी बाबा/अमर हुआ/विषमताओं को पछाड़ा/कर्ज मिट्टी का चुकाया/जान अर्पण देश पर/बुलबुला वो सो गया।
सोर्स- divyahimachal
-डा. आनंद घिल्डियाल, औषधि विशेषज्ञ, नालागढ़